सरकार के साथ पांचवें दौर की वार्ता में कोई हल न निकलने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने देर रात मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरकार मंडी और कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग पर बात करना चाहती थी। लेकिन किसान प्रतिनिधिमंडल कृषि कानून वापसी पर अड़ा रहा।

टिकैत ने कहा कि अब आठ दिसंबर को भारत बंद में किसानों की ताकत दिखेगी। यूपी गेट पर वार्ता से लौटने के बाद उन्होंने किसानों से बैठक की चर्चा की। भारत बंद को सफल बनाने के लिए किसानों के बीच देर रात तक रणनीति बनाई।
कृषि भवन में चार घंटे से अधिक समय तक किसान प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों की बैठक हुई। इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और अन्य मंत्री व अधिकारी शामिल रहे। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि मीटिंग में प्रतिनिधिमंडल ने कृषि बिल को वापस लेकर दूसरा ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कहा।
इसके अलावा उन्होंने एमएसपी को कानून बनाकर उससे नीचे खरीद न होने की बात कही। इसपर मंत्रियों ने पुराने एमएसपी को ही जारी रखने की बात कही। उन्होंने बताया कि सरकार मंडी और कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग पर बात करना चाहती थी लेकिन किसान बिलों को वापस लेने पर अड़े रहे।
इसके बाद भी बैठक में मंत्री अन्य मुद्दों पर बात करते रहे तो प्रतिनिधिमंडल पूरी तरह साइलेंट हो गए। बैठक में किसान लगातार कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कहते रहे। चार घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कोई हल न निकलने के बाद प्रतिनिधिमंडल वापस लौट आया।
उन्होंने कहा कि सरकार 7 दिसंबर की तारीख देना चाहती थी। लेकिन किसानों ने अपनी तरफ से 9 दिसंबर की तारीख दी। राकेश टिकैत ने स्पष्ट कहा कि किसान अगली बैठक में भी कृषि कानून को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की बात पर अड़े रहेंगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार से छठे दौर की वार्ता से पहले यानी 8 दिसंबर को भारत बंद में ताकत दिखाएंगे। इसके लिए किसानों, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से भी आंदोलन में शामिल होकर इसे सफल बनाने की अपील की जा रही है। टिकैत ने कहा कि सरकार जब तक कृषि कानून वापस नहीं लेती तब तक किसान यूपी गेट पर ही डटे रहेंगे।
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