हर वर्ष श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के बाद नवरात्रि अश्विन माह में ही प्रारंभ होती है परंतु इस बार अश्विन मास में पुरुषोत्तम अर्थात अधिक मास लगने के कारण 1 महीने के अंतर पर नवरात्रि आरंभ होगी। ऐसा संयोग करीब 165 साल बाद होने जा रहा है। आश्विन महीने में अधिमास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक रहेगा। आओ जानते हैं कि इस मास में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं जानते हैं।

पुरुषोत्तम मास : अधिक मास में सोना खरीदें या नहीं?
क्या खाएं?
1. इस माह में जप और तप के अलावा व्रत का भी महत्व है। पूरे मास एक समय ही भोजन करना चाहिए जो कि आध्यात्मिक और सेहत की दृष्टि से उत्तम होगा।
अधिक मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, जानिए
2. भोजन में गेहूं, चावल, जौ, मटर, मूंग, तिल, बथुआ, चौलाई, ककड़ी, केला, आंवला, दूध, दही, घी, आम, हर्रे (हरड़), पीपल, जीरा, सौंठ, सेंधा नमक, इमली, पान-सुपारी, कटहल, शहतूत, मैथी आदि खाने का विधान है।
अधिक मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, जानिए
क्या ना खाएं?
1.इस पुरुषोत्तम माह में किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करें और मांसाहार से दूर रहें। अत: पुरुषोत्तम मास में इन चीजों का खान-पान वर्जित कहा गया है।
2. फूल गोभी, पत्ता गोभी, शहद, चावल का मांड़, उड़द, राईं, मसूर, मूली, प्याज, लहसुन, बैंगन, चना, बासी अन्न, नशीले पदार्थ आदि नहीं खाने चाहिए।
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