सीबीआइ ने उन्नाव की दुष्कर्म पीडि़ता के कलमबंद बयान को उन्नाव में पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में भेजे जाने की अर्जी दी है। अर्जी पर सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी ने जिला जज को पत्र लिखकर विशेष वाहक नियुक्त करने के संबंध में उचित आदेश करने का अनुरोध किया है।
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जिला न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा है कि सीबीआइ ने कोर्ट को बताया है कि मामले की आगे की विवेचना के लिए पीडि़ता के कलमबंद बयान की आवश्यकता पड़ेगी। लिहाजा बयान को उन्नाव के विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की कोर्ट में भेज दिया जाए। कोर्ट ने जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि पीडि़ता का बयान उन्नाव भेजे जाने के लिए विशेष वाहक की नियुक्ति के संदर्भ में उचित आदेश दें।
इससे पहले उन्नाव दुष्कर्म कांड के विवेचक व सीबीआइ के डिप्टी एसपी आरआर त्रिपाठी ने विशेष कोर्ट में अर्जी देकर बताया कि गत 16 अप्रैल को पीडि़ता के कलमबंद बयान कोर्ट में दर्ज करके सील किए गए थे। वहीं, सीबीआइ ने इस मामले में दर्ज एफआइआर को उन्नाव के पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में भेज दिया है।
कहा गया कि इस मामले की आगे की विवेचना के लिए पीडि़ता के मजिस्ट्रेट के सामने हुए कलमबंद बयान की जरूरत पड़ेगी। सीबीआइ ने कोर्ट से मांग उठाई कि कोर्ट पीडि़ता के मूल कलमबंद बयान जो कि सील बंद करके रखे हैं, उन्हें उन्नाव पाक्सो एक्ट की कोर्ट में भेज दिया जाए।
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