यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों बड़ी संख्या में ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल किया। सपा और बसपा के शासनकाल से जमा हुए अधिकारियों के पदों में योगी ने बड़ा बदलाव किया। यही नहीं केंद्र की मोदी सरकार ने योगी के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों को लखनऊ भी भेजा। केंद्र सरकार में कार्यरत यूपी कैडर के पांच वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को वापस उत्तर प्रदेश भेजा गया है। सीएम योगी आदित्य नाथ ने पिछले महीने पीएम मोदी से उत्तर प्रदेश के कुछ अधिकारियों को केंद्र सरकार से मुक्त करके यहां भेजने की मांग की थी, ताकि महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों को नियुक्त किया जा सके। एनडीटीवी ने सरकार में मौजूद सूत्रों के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने यूपी के 30 अधिकारियों की सूची में 10 लोगों को वापस भेजने के लिए शॉर्टलिस्ट किया था। हालांकि सभी 10 अधिकारी आने के लिए तैयार नहीं थे। कुछ ऑफिसर्स ने केंद्र सरकार के साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताते हुए यूपी जाने से मना कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों को वापस यूपी भेजा गया है, उनमें पहला नाम 1987 बैच के आईएएस अविनाश कुमार श्रीवास्तव का है। श्रीवास्तव गोरखपुर के जिलाधिकारी (डीएम) रह चुके हैं। श्रीवास्तव को योगी ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी (प्रधान सचिव) नियुक्त किया है। सपा सरकार में प्रधान सचिव का पद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नहनीत सहगल के पास था। नवनीत को हटाकर श्रीवास्तव को उनकी जगह पर लाया गया है। बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री बनने से पहले गोरखपुर संसदीय सीट से योगी आदित्य नाथ पांच बार सांसद रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली नियुक्ति संबंधी कैबिनेट समिति (एसीसी) की सोमवार को हुई मीटिंग में पांच अधिकारियों को अपने कैडर में वापस भेजे जाने को मंजूरी दी गई। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार इन अधिकारियों में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आलोक कुमार (1992 बैच) शामिल हैं, जो कि वस्त्र मंत्रालय में संयुक्त सचिव हैं। उनके अलावा संजय आर. भूसरेड्डी, प्रशांत त्रिवेदी, शशि प्रकाश गोयल (सभी 1989 बैच) और अनुराग श्रीवास्तव (1992बैच) को भी वापस भेजा गया है।
बता दें कि योगी आदित्य नाथ ने सीएम पद संभालते ही स्पष्ट किया था कि वह फिलहाल ब्यूरोक्रेसी में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेंगे। बड़े पदों पर बैठे लोगों को उनके स्थान से नहीं हटाया जाएगा अगर वह कठिन परिश्रम करते हैं और सरकार की नीतियों को लागू करने के लिए मेहनत करते हैं। योगी ने अधिकारियों को रोजाना 18 से 20 घंटे तक काम करने की बात करते हुए कहा था कि जो काम नहीं कर सकता है वो जा सकता है। योगी आदित्य नाथ सरकार के 50 दिन पूरे हो चुके हैं। इस बीच दो बार बड़े पैमाने पर अफसरों के तबादले हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 50 दिनों ने 200 अधिकारियों की बदली की गई।