शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृ संतुष्ट होते हैं और साधक के जीवन में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। अगर आप पितरों का प्रसन्न करना चाहते हैं तो पितृ पक्ष में पीपल के पेड़ की पूजा कर विशेष उपाय करें। आइए इस लेख में जानते हैं पीपल के पेड़ के उपायों के बारे में।
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से पितरों की शांति प्राप्ति के लिए पितृ पक्ष की शुरुआत की होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस अवधि के दौरान पूर्वज स्वर्गलोक से मृत्युलोक पर आते हैं। ऐसे में पितरों का पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इससे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और साधक को पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। अगर आप भी जीवन में किसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ से जुड़े (Peepal Ke Upay) उपाय करें। मान्यता है कि इन उपायों को करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
पीपल के पेड़ उपाय
पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ की पूजा करना जातक के जीवन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मत है कि इस पेड़ में देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
पितृ पक्ष में पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करें और जल अर्पित करें। पितरों की शांति के लिए कामना करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
पितृ पक्ष में किसी भी दिन शाम के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही पितरों का ध्यान करें। इस उपाय को करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
ऐसे करें पीपल के पेड़ की पूजा
पितृ पक्ष में सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करें। जल में गाय का दूध, तिल और चंदन मिलाकर अर्पित करें। इसके पश्चात प्रसाद, फूल और जनेऊ समेत आदि चीजें चढ़ाएं। मान्यता है कि इस उपाय को करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही बृहस्पति ग्रह के बुरे प्रभावों से छुटकारा मिलता है।