असम में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। इस कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर हैं। रविवार को कोकराझार में उन्होंने ‘विजय संकल्प समावेश’ रैली को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बोडो शांति समझौते के साथ प्रधानमंत्री जी ने संदेश दिया कि उत्तर पूर्व में जहां-जहां अशांति है, वहां बातचीत कीजिए और शांति का मार्ग प्रशस्त कीजिए।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में असम में जो विकास हुआ है, वो पिछले 70 साल में नहीं हुआ। इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार, घुसपैठ और आतंकवाद मुक्त सरकार केवल भाजपा बना सकती है।
बोडो भाषा को सम्मान देने का हमने वादा किया था। असम सरकार ने राज्य की सह-राजभाषा का दर्जा बोडो भाषा को देकर वर्षों पुरानी मांग पूरी कर दी है। बोडो माध्यम के स्कूल खोलने के लिए अलग निदेशालय स्थापित कर दिया गया है।
बोडो जनजाति के हर अधिकार को, संस्कृति को, बोडो भाषा को हम सुरक्षित भी रखेंगे, इसका संवर्धन भी करेंगे और इसे आगे भी बढ़ाएंगे।
भ्रष्टाचार मुक्त, घुसपैठिये मुक्त, आतंकवाद से मुक्त और प्रदूषण से मुक्त असम अगर बनाना है तो मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा ही बना सकती है। आने वाले चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ असम में एनडीए की सरकार बनाइए और बोडो लैंड के विकास को सुनिश्चित करिए।
कांग्रेस पार्टी वर्षों तक असम को रक्त रंजित करती रही। अलग-अलग आंदोलन कराती रही। पिछले 5 साल में असम में जो विकास हुआ है, वो पिछले 70 साल में नहीं हुआ। असमी- गैर असमी, बोडो- गैर बोडो करने वालों को पहचानिए। ये लोग ऐसी बातें राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कर रहे हैं।
मुझे ये घोषणा करते हुए बहुत आनंद हो रहा है कि 500 करोड़ रुपये सिर्फ बोडो क्षेत्र के रोड नेटवर्क के लिए आवंटित किए गए हैं। ये रोड का जाल समस्त बोडो क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जाएगा।
बोडो भाषा को सम्मान देने का हमने वादा किया था। असम सरकार ने असम की सह राज्य भाषा का दर्जा बोडो भाषा को देकर आज वर्षों पुरानी मांग समाप्त कर दिया है।
आत्मसमर्थन करने वाले सभी शरणार्थियों को 4 लाख रुपये की जो आर्थिक सहायता देनी थी उसकी भी आज चेक के माध्यम से आपके सामने देने की शुरुआत भाजपा सरकार ने की है।
जो कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकाल में शांति, विकास नहीं ला सकी, वो आज हमें सलाह दे रहे हैं। इसने वर्षों तक असम रक्त-रंजित रहा, बोडो क्षेत्र रक्त-रंजित रहा, क्या किया आपने? जो भी किया भाजपा सरकार ने किया।
बोडो शांति समझौते के बाद ब्रू-रियांग समझौते का प्रयास किया गया। 8 अलग-अलग हत्यारे ग्रुपों ने हथियार डालकर शांति का रास्ता चुना। ये सारी प्रक्रिया विकास के रास्ते में हमें ले जाने वाली है।
इस क्षेत्र में मैं कई बार आया हूं, कई रैलियां की हैं। परंतु मित्रों, जहां बोडो और नॉन बोडो उपस्थित हों ये पहली रैली है, इसलिए इस रैली का महत्व है।
वर्षों से चली आई समस्या ने 5,000 से ज्यादा लोगों की जान ली, वो मोदी जी के दृढ़ निश्चय, मार्गदर्शन और हमारे प्रमोद जी के इनिशिएटिव के कारण आज ये समस्या शांत हो गई है और आने वाले अनेक वर्षों तक हमारा बोडो क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ेगा।
आज से ठीक एक साल पहले देश के प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में बोडो शांति समझौता हुआ और बोडो शांति समझौते के साथ प्रधानमंत्री जी ने संदेश दिया कि उत्तर पूर्व में जहां-जहां अशांति है, वहां बातचीत कीजिए और शांति का मार्ग प्रशस्त कीजिए।
मुझे कहते हुए आनंद है कि मोदी जी की अगुवाई में जो बीटीआर क्षेत्र का शांति समझौता हुआ, उसको एक साल आज पूरा हुआ है। आपका चुनाव भी समाप्त हो गया है और शांति के एक नए युग की शुरुआत हुई है।
आज इस ऐतिहासिक रैली में पूरे देश को कहना चाहता हूं कि मेरे राजनीतिक जीवन में मैंने बहुत रैलियां देखी, मगर आज इस रैली को संबोधित करते हुए मेरे मन को अपार शांति का अनुभव हो रहा है।