वैज्ञानिकों की मानें तो इन्हीं दांतों की मदद से ड्रैगनफिश एक छद्मआवरण बनाकर अन्य छोटे जलीय जीवों को अपना शिकार बनाती है। ड्रैगनफिश के दांतों की इनेमल जैसी परत में हाइड्रोक्सीपेटाइट नैनोक्रिस्टल्स होते हैं जो इस तरह से संरचित होते हैं,
जो प्रकाश को दांतों की सतह पर बिखरने या प्रतिबिंबित करने से रोकता है। जिसके कारण आसानी से इनके दांत पहचान में नहीं आते। मैटर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, उनके असामान्य और अव्यवस्थित दांत क्रिस्टलीय नैनोस्ट्रक्चर के मिश्रण से बने हैं, जो पारदर्शी सिरेमिक बनाने के लिए शोधकर्ताओं को बायो इंस्पिरेशन प्रेरणा दे सकते हैं। सेरेमिक एक अकार्बनिक व अधात्विक ठोस है, जिसका निर्माण धात्विक व अधात्विक पदार्थों से होता है। इसकी सतह को उच्च तापमान पर गर्म करके कठोर, उच्च प्रतिरोधकता युक्त बनाया जाता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया की पीएचडी स्टूडेंट ऑद्रे वेलास्को-होगन ने कहा गहरे समुद्र में रहने वाले हर जीव की कुछ न कुछ विशेषता होती है, जिसकी मदद से वे महासागरों में अपना जीवनयापन करते हैं।
जैसे-बायोलुमिनसेंस, जिससे आंखें कम रोशनी में देख सकती हैं। इन्हीं जीवों में से एक है ड्रैगनफिश, जिसके दांत पारदर्शी होते हैं। इनकी यह विशेषता हमें कई रोचक जानकारियां दे सकती है, लेकिन पहले इनके बारे में अभी कई अन्य सूचनाएं जुटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन पारदर्शी दांतों का अध्ययन करने से हम ड्रैगनफिश जैसे गहरे समुद्री जीवों और उस वातावरण में विकसित होने वाले अन्य जीवों के अनुकूलन को और बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। वेलास्को-होगन ने बताया कि पारदर्शी दांतों के साथ-साथ इसका गहरे काले रंग का शरीर इन्हें शिकारी जीवों से भी बचाता है, क्योंकि ड्रैगनफिश आसानी उन्हें दिखाई नहीं देती। इसी छद्मआवरण के कारण गहरे समुद्र में भी ड्रैगनफिश अन्य छोटे जीवों के मुकाबले लंबे समय तक जिंदा रह जाती हैं।
यह फिश केवल 15 सेंटीमीटर लंबी होती हैं। वेलास्को-होगन ने कहा कि ड्रैगनफिश शिकार के इंतजार में ज्यादातर समय अपना मुंह खाले रहती है और जैसे ही कोई जीव मुंह में आता है तो ये अपना जबड़ा तुरंत बंद कर लेती है। उन्होंने कहा कि उनके दांत हमेशा उघड़े हुए रहते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि वे पारदर्शी हों, ताकि वे पहचान में ने आएं। ड्रैगनफिश के दांतों की इसी विशेषता के रहस्य का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी केंद्रित आयन बीम और नैनोइंडेंटेशन टेस्ट के जरिए उनके दांतों के नैनोस्ट्रक्चर की नकल और विश्लेषण किया। जिसमें पता चला कि ड्रैगनफिश के दांतों की परत में अनोखी विशेषताएं हैं। इनेमल जैसी परत में हाइड्रोक्सीपाटाइट नैनोक्रिस्टल्स होते हैं जो इस तरह से संरचित होते हैं जो प्रकाश को दांतों की सतह पर बिखरने या प्रतिबिंबित करने से रोकता है। दांतों की परत भी अपने विशेष तरीके से बनी हुई है और मनुष्यों और अन्य जानवरों के दांतों में पाया जाने वाले माइक्रोस्कोपी चैनल जिससे दांतों का रंग दिखाई देता है भी ड्रैगनफिश के दांत में नहीं पाया जाता।