पाकिस्तान में मानसून की बारिश तबाही बनकर सामने आई है। पड़ौसी मुल्क में बारिश का आलम यह है कि इसने कई सालों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं और दूरदराज के इलाकों में तो बचाव कार्य में भी बाधा आ रही है। पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने बताया कि ज्यादा बारिश के चलते देश में 77 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 39 लोगों की मौत अकेले बलूचिस्तान प्रांत में हुई है।
बारिश के कारण हुई मौतें ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ घोषित
रहमान ने बारिश के कारण हुई मौतों को ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार दिया क्योंकि इसमें सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण दूरदराज के इलाकों में बचाव कार्य में बाधा आ रही है। डान अखबार ने रहमान के हवाले से बताया कि इस आंकड़े में बच्चे, पुरुष और महिलाएं शामिल हैं।
औसत से 87 फीसद अधिक हुई बारिश
मंत्री ने बताया कि जल स्तर ऊंचा होने के चलते लोगों को सावधान रहने की अपील की गई है क्योंकि मानसून का पैटर्न बदल रहा है। उन्होंने बताया कि इस समय पूरे पाकिस्तान में बारिश औसत बारिश से 87 फीसदी अधिक है।संघीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने राष्ट्रीय मानसून आकस्मिक योजना तैयार की है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने का भी आह्वान किया ताकि आगे की क्षति को रोका जा सके।
8 जुलाई तक जारी रहेगी बारिश
रहमान ने कहा कि हमें इन मौतों और तबाही को रोकने के लिए एक व्यापक योजना की आवश्यकता है क्योंकि यह सब विनाश जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के मुताबिक, बारिश 8 जुलाई तक जारी रहेगी।
बलूचिस्तान का क्वेटा आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित
दर्जनों लोगों की मौत के बाद, बलूचिस्तान सरकार ने क्वेटा को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है और प्रांतीय राजधानी में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी गई है। रहमान ने कहा कि क्वेटा में बढ़ती मौत एक राष्ट्रीय स्तर की आपदा है और यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे गंभीरता से लें।
नदियां और नहरें उफान पर
बता दें कि मूसलाधार बारिश के चलते सूबे की नदियां और नहरें उफान पर हैं। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बलूचिस्तान के कई जिलों में 4 जुलाई से तेज हवाओं के साथ मानसूनी