पाकिस्तान की पहले से बदहाल अर्थव्यवस्था को टिड्डी दल भी चपट करने में जुटा है, जिसके चलते देश में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि उत्पादन के लिए देश के मुख्य क्षेत्र पंजाब प्रांत में बड़े पैमाने पर फसलों को नष्ट करने वाले टिड्डी दल से निपटने के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी गई।
यह फैसला शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा बुलाई गई बैठक में लिया गया। चार प्रांतों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक में इमरान ने राष्ट्रीय कार्य योजना को मंजूरी दी। इस संकट से उबरने के लिए देश को 730 करोड़ रुपये की जरूरत बताई गई है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंत्री खुसरो बख्तियार ने इस संकट की स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में नेशनल असेंबली को सूचित किया।
प्रधानमंत्री खान ने कीड़े के उन्मूलन के लिए संघीय स्तर पर निर्णय लेने के लिए बख्तियार की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति के गठन का आदेश दिया। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फसल क्षति के आधार पर तत्काल उपाय करें।
बख्तियार ने बताया कि यह पहली बार है जब सिंध और पंजाब में हमले के बाद टिड्डी दल ने खैबर पख्तूनख्वा में प्रवेश किया है। उन्होंने दावा किया इसके बावजूद सरकार काफी हद तक कपास और अन्य फसल को बचाने में कामयाब रही है। 1993 में पाकिस्तान के सामने आई स्थिति से बदतर है।
मंत्री ने कहा कि टिड्डी दल फिलहाल चोलिस्तान के पास पाकिस्तान-भारत सीमा पर मौजूद है। उन्होंने यह भी बताया कि टिड्डे सिंध और बलोचिस्तान से चोलीस्तान और नारा आए हैं।
मंत्री ने कहा कि टिड्डों के गायब होने में देरी के पीछे जलवायु परिवर्तन भी एक कारण है। टिड्डे कुछ समय बाद ईरान चले जाते हैं लेकिन इस बार पाकिस्तान में कम तापमान की वजह से वे अब भी पाकिस्तान में हैं।
पाकिस्तान के कर्ज और देनदारियों में पिछले 15 महीने में ही रिकॉर्ड 40 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश पर विदेशी और घरेलू कर्ज बढ़ता ही जा रहा है और खुद वित्त मंत्रालय यह स्वीकार करता है।
डॉन के मुताबिक, संसद में शुक्रवार को कर्ज नीति पर वित्त मंत्रालय ने स्वीकारा कि राजकोषीय जवाबदेही और कर्ज सीमा अधिनियम (एफआरडीएलए) का घोर उल्लंघन हुआ है। सितंबर, 2019 तक कुल देनदारियां और कर्ज बढ़कर 41.489 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
मंत्रालय ने बताया कि 15 माह की अवधि में विदेशी कर्ज 36 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10.59 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि घरेलू कर्ज 22.65 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह आंकड़ा जून, 2018 में 16.41 लाख करोड़ रुपये था। मंत्रालय के मुताबिक, 15 महीने के दौरान सरकार के घरेलू कर्ज में 38 और विदेशी कर्ज में 36 फीसदी का इजाफा हुआ है।