अद्यार कैंसर संस्थान की वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट और अध्यक्षा डॉक्टर वी शांता का मंगलवार सुबह निधन हो गया है। वे 93 साल की थीं। उन्हें 2005 में ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ दिया गया था। वहीं भारत सरकार ने 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। ‘नोबेल पुरस्कार’ प्राप्त वैज्ञानिक एस चंद्रशेखर उनके मामा और प्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा नोबेल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन उनके नाना के भाई थे। डॉ. शांता के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है।

सोमवार रात को लगभग नौ बजे सीने में दर्द की शिकायत के बाद डॉ. शांता को निजी अस्पताल ले जाया गया था। कैंसर इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने कहा कि मंगलवार तड़के 3.55 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को ओल्ड कैंसर इंस्टीट्यूट परिसर में ले जाया गया है, जिसे उन्होंने अपने गुरु डॉ. कृष्णमूर्ति के साथ मिलकर बनवाया था।
डॉ. शांता अस्पताल में भर्ती होने से पहले तक सक्रिय थीं। उनके सहकर्मियों ने बताया कि वह कुछ दिनों से अच्छा महसूस नहीं कर रही थीं। महामारी के समय भी वे स्वास्थ्य संबंधी नई चुनौतियों को लेकर चिंतित थीं। उनका कैंसर इंस्टीट्यूट एक ऐसा संस्थान है जो समाज के सभी लोगों की उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल करता है, उनकी भुगतान करने की उनकी क्षमता को देखे बिना। जो लोग इलाज का पैसा नहीं दे सकते हैं उन्हें मुफ्त में इलाज मुहैया करवाया जाता है।
डॉ. शांता के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘डॉ शांता को शीर्ष गुणवत्ता वाली कैंसर देखभाल सुनिश्चित करने के उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। अद्यार, चेन्नई में कैंसर संस्थान गरीबों और दलितों की सेवा करने में सबसे आगे रहा है। मुझे 2018 में संस्थान की अपनी यात्रा याद है। डॉ. वी शांता के निधन से दुखी हूं। ऊं शांति।’
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