18वें बिहार विधानसभा के विशेष सत्र का आज आखिरी दिन है। पांचवें दिन यानी आज द्वितीय अनुपूरक बजट पारित होगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार 91,717.1135 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस अनुपूरक बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला रोजगार, पेयजल, सड़क, ऊर्जा, पेंशन, सिंचाई, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मेट्रो रेल और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए सभी दलों को समय दिया है। सबसे ज्यादा 33 मिनट भाजपा को और जदयू को 31 मिनट का समय अपनी बात रखने के लिए दिया गया है। वहीं राजद को नौ मिनट का समय अपनी बात रखने के लिए दिया गया है।
सबसे पहले ग्रामीण विकास विभाग के बजट पर कटौती प्रस्ताव पर चर्चा हुई। सभी दलों के विधायकों ने इस प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में अपनी बात रखी। इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार उत्तर दे रहे हैं। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि ग्रामीण इलाकों का काफी विकास हुआ है। कहा कि हमारे विपक्ष के लोग कहते हैं कि आप जीविका दीदियों को दो लाख रुपये कहां से लाएंगे? लेकिन, सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं को ताकत दिया। उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। आज जीविका दीदी लखपति बन रही है। महिला रोजगार को लेकर जो वादा किया है, उस दिशा में सरकार काम कर रही है।
श्रवण कुमार ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं के झांसे में कोई नहीं आए। यह लोग माई बहन मान योजना नहीं लाते, यह लोग केवल महिलाओं को अपमानित करते हैं। यह लोग नीतीश कुमार को फिनिश करने में लगे थे। लेकिन, जब जब यह लोग ऐसा अभियान चलाते हैं तब तब नीतीश कुमार दोगुनी ताकत से आते हैं। इनलोगों का सफाया हो गया। 35 पर पूरा विपक्ष सिमट गया। उन्होंने विपक्ष के विधायक आलोक मेहता से कटौती प्रस्ताव वापस लेने की मांग की।
विपक्ष की ओर से राजद विधायक आलोक मेहता ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने अनुपूरक बजट को त्रुटिपूर्ण बताया। कहा कि पिछले बजट जो राशि आवंटित जिस मद में दिए गए थे, उस राशि का हिसाब क्यों नहीं दिया गया। राज्य में शिक्षकों की कमी और अस्पताल में दवाई की कमी है। इन सब पर बजट पर ध्यान नहीं दिया गया। सरकार विकास से ज्यादा राजनीतिक लाभ पर ध्यान रख रही है। महिला रोजगार योजना स्वागत योग्य है लेकिन दो लाख रुपया आप हर महिला को कैसे देंगे? इसको जानकारी सरकार क्यों नहीं दे रही है? राज्य में केवल डेढ़ करोड़ महिला ही नहीं है। बाकी महिलाएं क्या 10 हजार रुपया की हकदार नहीं है? इन सब सवालों का जवाब सरकार को देना होगा। 40 लाख लोग बिहार की ऐसी बस्ती में रहते हैं, जिनकी संख्या 100 से अधिक है। यह बस्ती अब तक मुख्य सड़कों से नहीं जुड़ पाई है। आज तक यह गरीब अपमान सह रहे हैं। सड़क नहीं रहने के कारण इन इलाकों में शादी तक मुश्किल हो गई हैं। नल जल योजना से जुड़ी भी लाखों शिकायतें हैं।
जानिए किस योजना के लिए कितना खर्च होगा
21,000 करोड़ – मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना
1885.65 करोड़ – मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन
861.21 करोड़ – सड़क निर्माण
800 करोड़ – स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
750 करोड़ – मुख्यमंत्री बालिका स्नातक प्रोत्साहन
651.83 करोड़ – सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएँ
600.55 करोड़ – ऊर्जा कंपनियों में निवेश
594.56 करोड़ – ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना
573 करोड़ – मेडिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माण
550 करोड़ – शहरी विकास हेतु भू-अर्जन
500-500 करोड़ – हवाई अड्डा निर्माण, औद्योगिक विकास हेतु भूमि, पंचायत सरकार भवन
389.77 करोड़ – पटना मेट्रो रेल परियोजना
352.16 करोड़ – विकलांगता सामाजिक सुरक्षा पेंशन
281.57 करोड़ – प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना
250 करोड़ – स्टेडियम व खेल अवसंरचना
150 करोड़ – चिकित्सा महाविद्यालय
100 करोड़ – ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal