पटना मेट्रो परियोजना में एक बड़ा माइलस्टोन जुड़ गया है। पीएमसीएच स्टेशन तक दूसरी टनल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इससे भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण की रफ्तार और बढ़ गई है। यह वही सेक्शन है, जहां राधा-कृष्ण मंदिर के कारण तीन महीने तक टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) की ड्रिलिंग रोकनी पड़ी थी। स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर को सुरक्षित रखते हुए टनल का मार्ग बदला गया और अंततः निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
टनल के पूरा होने के बाद अब मेट्रो कॉरिडोर के इस हिस्से में स्टेशन निर्माण, प्लेटफॉर्म सेट-अप और अन्य तकनीकी कार्यों को गति मिलेगी।
1480 मीटर लंबे इस भूमिगत हिस्से में दो टनलों का निर्माण किया गया है, पहली टनल 10 नवंबर को तैयार हुई थी, जबकि दूसरी का काम अब पूरा कर लिया गया है।
इंजीनियरिंग टीम के अनुसार इस चुनौतीपूर्ण हिस्से ने परियोजना की कठिनाई और अनुभव दोनों को एक स्तर ऊपर पहुंचाया।
टीबीएम सेक्शन की होगी सफाई, छह महीने में खुलेगा रास्ता
टनल पूरी होने के साथ ही अब टीबीएम की मशीनों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी। पीएमसीएच से गांधी मैदान तक बनी इस नई टनल की सफाई और संरचनात्मक जांच में करीब छह महीने लगेंगे। इसके बाद ही इस हिस्से में आगे की भूमिगत ढांचागत गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा।
जूनियर इंजीनियर्स और तकनीकी टीम का विशेष योगदान
टनल निर्माण टीम के अनुसार, पीएमसीएच क्षेत्र भूमिगत संरचना के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। आसपास के भवन, अस्पताल, ट्रैफिक और धार्मिक स्थलों का ध्यान रखते हुए अत्यंत सटीकता की जरूरत थी।
इंजीनियरों ने 230 मीटर के उस कठिन हिस्से में भी सफलता हासिल की, जहां मंदिर के नीचे से डायवर्जन बनाना पड़ा। इस हिस्से को पूरा करना परियोजना का सबसे चुनौतीपूर्ण चरण माना जा रहा है।
जनवरी में स्टेशन निर्माण को मिलेगी गति
टनल तैयार होने के बाद जनवरी से पीएमसीएच स्टेशन के भीतर प्लेटफॉर्म, वॉल सेगमेंट, तकनीकी रूम और अन्य सुविधाओं का काम शुरू हो जाएगा।
स्टेशन के आंतरिक हिस्से को आधुनिक डिजाइन के साथ विकसित किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सुविधा दी जा सके।
इसके अलावा, भूमिगत मार्ग में केबल-डक्ट, वेंटिलेशन सिस्टम और इमरजेंसी एग्जिट जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा मानकों पर भी तेजी से काम किया जाएगा।
पीएमसीएच से गांधी मैदान तक की लाइन पूरा होते ही यह सेक्शन पटना मेट्रो के लिए सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण रूट साबित होगा।
पटना मेट्रो के अधिकारियों का लक्ष्य है कि 2025 के निर्धारित समय के भीतर भूमिगत कॉरिडोर का संचालन शुरू किया जा सके। दूसरी टनल के पूरा होने से परियोजना अब अपने महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुकी है।
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