बिहार सरकार ने राज्य के कृषि उत्पादों के निर्यात को और बेहतर बनाने के लिए केंद्र से पटना में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) का एक शाखा कार्यालय खोलने का आग्रह किया है। बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘राज्य के कई कृषि उत्पादों जिसमें जीआई-टैग वाले उत्पाद भी शामिल है, के निर्यात को और बेहतर बनाने की जरूरत है। इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से एपीडा का एक शाखा कार्यालय पटना में खोलने का अनुरोध किया है।”
बिहार के कई कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा
मंगल पांडेय ने कहा कि वर्तमान में वाराणसी एपीडा कार्यालय के समन्वय में बिहार इस दिशा में कार्य कर रहा है। यदि एपीडा शाखा कार्यालय पटना में खोला जाता है, तो इससे बिहार के कई कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। एपीडा ताजा सब्जियों और फलों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली प्रमुख संस्था है। यह किसानों, भंडारगृहों, पैकर्स, निर्यातकों, भूतल परिवहन, बंदरगाहों, रेलवे, वायुमार्ग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात व्यापार में लगे अन्य सभी लोगों के बीच महत्वपूर्ण कडी का काम करता है।
भौगोलिक संकेतक (जीआई) एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान से उत्पन्न वस्तुओं की उस स्थान से जुड़ी विशिष्ट प्रकृति, गुणवत्ता और विशेषताओं के साथ पहचान करता है। बिहार के जीआई-दर्जे वाले कृषि उत्पादों में शाही लीची, भागलपुरी जर्दालु आम, कतरनी चावल, ए मारीचा चावल और मगही पान शामिल हैं।
अधिकांश जिलों में लगभग 81% पूरी हो चुकी धान की बुवाई
पांडेय ने आगे कहा, ‘‘राज्य में जुलाई माह में वर्षा की कमी के बाद भी धान की बुवाई अधिकांश जिलों में लगभग 81 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। जिन जिलों में धान की बुवाई काफी संतोषजनक पाई गई है उनमें कटिहार, सहरसा, किशनगंज और अररिया शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही उन क्षेत्रों के किसानों को डीजल अनुदान देने का फैसला किया है, जहां वर्षा की कमी अधिक पाई गई है। पांडेय ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कुल 150 करोड़ रुपए इस उद्देश्य के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए हैं।”
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