हरियाणा के कनीना में ईद के दिन एक स्कूल बस हादसे में छह बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में कई अनियमितताएं सामने आई थी।
स्कूल बसों में सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए दाखिल जनहित याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब एवं चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
लुधियाना निवासी रविंदर कटारिया ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में हाल ही में हुई स्कूल बस दुर्घटना का हवाला देते हुए बताया कि 11 अप्रैल को नशे में धुत चालक ने लापरवाही से बस चलाई थी। इसके बाद स्कूल बस में मौजूद छह स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि स्कूल व बस ऑपरेटर बसों की फिटनेस का बिलकुल ध्यान नहीं रखते हैं और इसी का नतीजा है कि स्कूल व कॉलेजों की 80 प्रतिशत बसें फिट नहीं होने के बावजूद भी सड़कों पर चल रही हैं। याचिका में हाईकोर्ट से अपील की गई कि पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में स्कूल-कॉलेज जाने वाली बसों के संबंध में फिटनेस प्रमाण पत्र से संबंधित कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जाएं।
याचिकाकर्ता ने दलील दी यह मामला आम आदमी की जिंदगी से जुड़ा है। बस चालकों की लापरवाही के कारण पहले भी छोटे बच्चों की जान जा चुकी है और यह पहली बार नहीं है कि इस तरह की घटना ने सिस्टम में व्याप्त अनियमितताओं को उजागर किया है, क्योंकि इस तरह की घटनाओं में प्रथम दृष्टया बस मालिक और बस चालक के खिलाफ नियमित एफआईआर दर्ज की जाती है, जबकि ऐसी बसों के चलने पर कोई रोक नहीं है।
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