पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन सदल की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा हो गया। विधानसभा में एसजीपीसी चुनाव को लेकर सदन में शोर-शराबा हुआ। सदन में इस मुद्दे पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के विधायक एक साथ आ गए। आप विधायकों ने इस बारे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रस्ताव का समर्थन किया। कैप्टन ने SGPC चुनाव के लिए केंद्र सरकार से बात करने के लिए खुद को प्रतिनिधि बनाने का प्रस्ताव पेश किया।
कांग्रेस और आप की सहमति के बाद सीएम अमरिंदर सिंह का प्रस्ताव पास
विधानसभा की कार्यवाही वीरवार को शुरू हुई तो सदन में फिर एसजीपीसी चुनाव का मुद्दा उठा। आम आदमी पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से कुछ माह पहले इस्तीफा दे चुके एचएस फूलका आज फिर सदन में पहुंचे। बता देें कि फूलका का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। फूलका ने सदन में एसजीपीसी चुनाव का मुद्दा उठाया। फूलका ने बुधवार को भी विधानसभा मेें यह मुद्दा उठाया था।
इसके बाद विधानसभा का माहौल गर्मा गया। शिरोमणि अकाली दल ने यह मामला उठाए जाने का विरोध किया। शिअद ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके एचएस फूलका की सदन में मौजूदगी पर सवाल उठाया। शिअद विधायकों ने पूछा कि क्या फूलका अब भी विधायक हैं।
इसी बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एसजीपीसी का चुनाव कराने के मुद्दे पर केंद्र सरकार से बात करने के लिए खुद को प्रतिनिधि बनाने का प्रस्ताव पेश किया। इस पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के विधायकों में सहमति बन गई। इसके बाद प्रस्ताव पारित हो गया।
मजीठिया ने फूलका की सदस्यता पर सवाल उठाया, स्पीकर बोले- इस्तीफा निर्धारित फार्मेट में नहीं दिया
शिरोमणि अकाली दल के विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि एसजीपीसी का चुनाव होने चाहिए लेकिन स्पीकर बताएं कि एचएस फूलका किस अधिकार से सदन में मौजूद हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी को कांग्रेस की बी टीम बताया। मजीठिया ने कहा कि सत्ता और विपक्ष दल आप के बीच मैच फिक्स हो गया है। इस पर स्पीकर ने कहा कि फूलका ने अपना इस्तीफा निर्धारित फार्मेट में नहीं दिया है। उनको 20 फरवरी को इस बारे में बात करने के लिए बुलाया गया है। ऐसे में फूलका अब भी विधानसभा के सदस्य हैं।
बाद में आप विधायक कुलतार सिंधवां ने सदन में नदियों को प्रदूषित किए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की नदियां जहरीली बन रही हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस पर कदम उठाने की बात कही। उन्होंने बताया कि इस मामले पर आवश्यक कदम उठाने के लिए चीफ सेक्रेटरी की अगुवाई में एक कमेटी बनाई है।
विधायक नागर और एनके शर्मा की प्रॉपर्टी की विधान सभा कमेटी करेगी जांच
विधानसभा में भ्रम और अंधविश्वास पर सोमप्रकाश द्वारा लाए गए गैर सरकारी प्रस्ताव पर बहस के दौरान माहौल गर्म हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि फतेहगढ़ साहिब के कांग्रेस के विधायक कुलजीत नागर ने चुनौती दे दी कि मेरी और विधायक एनके शर्मा की 12 साल की प्रॉपर्टी की जांच करवाई जाए। नागर ने शर्मा पर आरोप लगाया कि उन्होंने सुखबीर बादल के साथ मिल कर पंजाब की प्रॉपर्टी लूट ली। संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने स्पीकर से कहा कि दोनों सदस्यो की प्रॉपर्टी की जांच करवा लें। एनके शर्मा द्वारा जांच करवाने की चुनौती स्वीकार करने पर स्पीकर ने इसके लिए विधानसभा की कमेटी बना दी।