कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। मोहाली समेत पूरे पंजाब में 407 डॉक्टरों की भर्ती की गई है। जिससे कोरोना की दूसरी लहर को भी मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। हालांकि राज्य ने शुरूआती दौर में ही लेवल तीन स्तर के इंतजाम कर लिए थे। फिर भी लेवल-2 को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। राज्य के लोग जब त्योहार मनाने में व्यस्त थे, तब स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने की रणनीति बना रहा था।
सरकारी और निजी दफ्तरों के कर्मचारियों की नियमित जांच के साथ घरों तक जरूरी सामान की आपूर्ति करने वालों की कोरोना जांच सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार है और इस पर काम भी शुरू हो गया है। मोहाली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या में भी मामूली उछाल आया है। ऐसा कोरोना जांच की संख्या बढ़ने के कारण हुआ है।
सिर्फ मोहाली ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में कोरोना के मामले फिर एक बार बढ़ने लगे हैं। पिछले 15 दिनों से कोरोना की दूसरी लहर से निपटने की नई रणनीति पर काम चल रहा है। इसके तहत राज्य में 407 नए डॉक्टरों की भर्ती की गई। इनमें 107 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नई भर्ती करने के साथ ही 300 मेडिकल अधिकारी की भी भर्ती की गई है। जो राज्य के मेडिकल कॉलेजों और सिविल अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगे। नए डॉक्टरों को इस मुहिम में शामिल करने के अलावा पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। जो अंतिम चरण में है। जल्द ही डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी जाएगी।
कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए सरकारी दफ्तरों में पब्लिक डीलिंग संभालने वाले कर्मचारियों की सेहत का खास ध्यान रखा जाएगा। ऐसे सभी कर्मचारियों की नियमित तौर पर कोरोना जांच की जाती रहेगी। इसके लिए सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही मोहाली के सिविल सर्जन और डीसी समेत पूरे राज्य में अधिकारियों को निजी क्षेत्रों पर भी नजर रखने को कहा गया है।
सरकारी और अर्ध सरकारी दफ्तरों में पब्लिक डीलिंग संभालने वालों की तरह निजी क्षेत्रों के कार्यालयों में भी पब्लिक डीलिंग करने वाले कर्मचारियों की नियमित कोरोना जांच करवाने की हिदायत जारी की गई है। जिसमें घरों में दूध, ब्रेड, सब्जी, फल, अंडे जैसी दैनिक जरूरतों की सप्लाई करने वाले भी शामिल होंगे।
कोरोना से निपटने के लिए पंजाब सरकार पहले ही भविष्य की रणनीति बना चुकी है। लिहाजा दूसरी लहर को संभालने के लिए स्वास्थ्य विभाग चिंतित नहीं है। पहली लहर पर काबू पाने के साथ ही आइसोलेशन सेंटरों को बंद कर दिया गया था। अब स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इन्हें दोबारा शुरू करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आइसोलेशन सेंटरों में लेवल-1 की आइसोलेशन सुविधा ही मौजूद थी। जो सामान्य तौर पर संक्रमित व्यक्ति को अपने घर में ही उपलब्ध हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उन्होंने पहले ही कोरोना से निपटने के लिए लेवल-3 तक के इंतजाम राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और सिविल अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में सुनिश्चित कर लिए थे।
मोहाली में 24 घंटे कोरोना जांच सुविधा वाला केंद्र सिविल अस्पताल में बनाया जा चुका है। इसके साथ ही ड्राइव थ्रू जांच केंद्र की सुविधा भी मोहाली में उपलब्ध है। जबकि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों में जांच की सुविधा मौजूद है। इसी तर्ज पर पूरे राज्य में इंतजाम किए जा चुके हैं।
इसके बावजूद अगर कहीं अतिरिक्त जांच की जरूरत महसूस होती है, तो उसके लिए मोबाइल वैन उपलब्ध हैं। जिसमें कोरोना जांच की सभी सुविधाएं हैं। सरकारी सेहत सुविधाओं से जुड़े सभी डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी कोरोना जांच के लिए लगाई जा चुकी है, उन्हें जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
हमने शुरूआत से ही कोरोना के लेवल-2 को ध्यान में रखकर रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी थी। मोहाली राज्य में मॉडल बनकर उभरा। डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी न आए, इसके लिए नई भर्तियां कर ली गई हैं और भी की जा रही हैं। हमने शुरूआती दौर में ही जांच सुविधाओं को लेवल-3 के स्तर का बना लिया है। हमारे पास जांच की पर्याप्त क्षमता और मैन पावर है। इसके लिए चिंता की जरूरत नहीं है। इमरजेंसी सुविधाओं के लिए राज्य के मेडिकल कॉलेजों, सिविल अस्पतालों के अलावा स्थानीय निजी अस्पतालों को तैयार रखा गया है। दूसरी लहर से निपटने में भी लोगों का सहयोग सबसे जरूरी है। लोग मास्क पहनने के साथ सामाजिक दूरी बनाए रखें और सैनिटाइजेशन का ध्यान रखें। सरकार की गाइडलाइन का पालन करें। सार्वजनिक स्थानों पर खास ध्यान रखने की जरूरत है। – डॉ. मनजीत सिंह, डायरेक्टर पंजाब हेल्थ कॉरपोरेशन।