पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएए के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधा है। उन्हाेंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को समर्थन देने के मुद्दे पर यू-टर्न लेकर सुखबीर बादल ने अपने राजनीतिक हितों के लिए संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन किया। सुखबीर ने निजी हितों के लिए सीएए पर सौदेबाजी की है।
कहा- यू-टर्न लेकर अकाली दल ने संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन किया
कैप्टन ने कहा कि अकालियों के बार-बार स्टैंड बदलने से असंवैधानिक व विघटनकारी नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) पर इनके झूठ का पर्दाफाश हुआ है। सुखबीर ने यू-टर्न लेते समय यह सफाई दी कि दोनों पार्टियों के बीच गलतफहमियों को दूर कर लिया गया है। कैप्टन ने मांग की है कि क्या भाजपा, अकाली दल के पहले स्टैंड के अनुरूप सीएए में संशोधन करने के लिए सहमत हो गई है या अकालियों ने राष्ट्रीय हितों को दांव पर लगाकर एक बार फिर से भाजपा के आगे घुटने टेक दिए हैं।
उन्होंने सुखबीर से कहा, ‘आप लोगों के प्रति जवाबदेह हो। दिल्ली विधानसभा चुनाव से केवल एक हफ्ता पहले भाजपा को समर्थन देने के पहले स्टैंड से पीछे हटने का फैसला सिद्ध करता है कि अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए अकाली दल ने सीएए पर सौदेबाजी की है। इस कदम ने अकालियों की खुदगर्जी और केंद्र में सत्ताधारी गठजोड़ का हिस्सा बनकर कुर्सी से चिपके रहने की बादल परिवार की लालसा को जग-जाहिर कर दिया है।
2022 के चुनाव शिअद के लिए विनाशकारी साबित होंगे
कैप्टन ने कहा कि यह उपयुक्त समय है कि सुखबीर और उसके साथी एहसास करें कि ऐसे गैर-सैद्धांतिक, अनैतिक और मौकापरस्त गठजोड़ के साथ राजनैतिक भविष्य नहीं बन सकता। पंजाब में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव अकाली दल के लिए विनाशकारी साबित होंगे और राज्य का अकालियों के घातक इरादों से बचाव होगा।
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