पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के भाई ने पंजाब के पठानकोट में एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया. उन पर काले कच्छे वाले गैंग ने हमला किया था. इस हमले में सुरेश रैना के फूफा की पहले मौत हो चुकी है. पंजाब पुलिस ने हमले की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.

सुरेश रैना ने मंगलवार को ट्वीट करके अपने फूफा और भाई की मौत की जांच की मांग की थी. इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आश्वासन दिया कि हमले में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा.
19 और 20 अगस्त की रात को पठानकोट के थर्याल गांव में लुटेरों ने हमला किया था. पुलिस के अनुसार, कुख्यात काले कच्छे वाले गैंग के तीन से चार सदस्यों ने सुरेश रैना के फूफा और भाई पर हमला किया, जब वे अपने घर की छत पर सो रहे थे. सुरेश रैना के फूफा अशोक कुमार के सिर में चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
पठानकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गुलनीत सिंह खुराना ने बताया कि अशोक के 32 वर्षीय बेटे कौशल कुमार का सोमवार रात एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. पुलिस ने कहा कि अशोक की पत्नी आशा देवी की हालत गंभीर है, जबकि उनका दूसरा बेटा 28 वर्षीय एपिन खतरे से बाहर है. दूसरे बेटे के जबड़े की सर्जरी हुई हैय
सुरेश रैना के चाचा अशोक कुमार की मां सत्य देवी (80 वर्षीय) को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी का नेतृत्व महानिरीक्षक (बॉर्डर रेंज) एसपीएस परमार करेंगे, जिसमें एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना, पुलिस अधीक्षक (जांच) प्रभजोत सिंह विर्क और धार कलां डीएसओ रविंदर सिंह सदस्य होंगे.
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) ईश्वर सिंह रोज जांच की मॉनीटरिंग करेंगे, जबकि एसपीएस परमार को राज्य में तैनात किसी भी अधिकारी को जांच में शामिल करने का अधिकार दिया गया है. एसआईटी की टीम हर एंगल की जांच करेगी.
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि पिछले अपराधों में शामिल संदिग्धों की तलाश में अंतरराज्यीय छापे मारे जा रहे हैं और 35 से अधिक संदिग्ध संदेह के घेरे में हैं. हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ लोगों को संदिग्धों के रूप में पहचाना गया है और उनके मोबाइल स्थान और ठिकाने का पता लगाया जा रहा है.
स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय में गुरदासपुर, तरनतारन और अमृतसर में भी छापे मारे गए हैं. पुलिस ने बताया कि पीड़ित अशोक कुमार के साथ काम करने वाले छह मजदूरों से पूछताछ की गई है. डीजीपी ने कहा कि अपराध स्थल और आस-पास के इलाकों के टॉवर डंप (मोबाइल संचार विवरण) को ले जाया गया है और तकनीकी विश्लेषण के लिए भेजा गया है.
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि इलाके के सीसीटीवी चेक किए गए हैं. अब तक की जांच से पता चलता है कि आरोपियों ने पड़ोस के तीन अन्य घरों को लूटने की योजना बनाई थी. डीजीपी ने कहा कि जांच की नियमित रूप से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को अपडेट करेंगे, क्योंकि उन्होंने शीघ्र जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal