मुंगेली जिले के तखतपुर से लगे ग्राम बरेला पंचायत की शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में हाई कोर्ट ने कब्जाधारियों की रिट अपील को खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर व एसडीएम को आदेशित किया है कि याचिकाकर्ता को कब्जा खाली करने के लिए नोटिस देते हुए आठ सप्ताह के भीतर शासकीय जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए।

जरहागांव क्षेत्र के ग्राम बरेला में तखतपुर निवासी बसंत गुप्ता पिता स्व. बद्रीप्रसाद गुप्ता उनके भाई राजेंद्र गुप्ता ने अपनी आबादी भूमि के साथ ग्राम पंचायत की शासकीय जमीन पर कब्जा कर लिया था।
इस पर शासकीय जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी। वर्ष 2017 में हाई कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कलेक्टर व एसडीएम को शासकीय जमीन को कब्जा मुक्त कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के परिपालन में जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस पर बसंत गुप्ता व उनके भाई ने हाई कोर्ट की युगलपीठ में रिट अपील प्रस्तुत की थी।
इसमें बताया गया कि उनकी जमीन शासकीय कब्जे की नहीं है। बल्कि आबादी जमीन है। उन्हें षडयंत्र कर उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं ने जमीन से बेदखल करने के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की युगलपीठ ने माना है कि अधिकार क्षेत्र के अतिक्रमण को रोकने के लिए शासन व राजस्व विभाग के अधिकारी उचित कार्रवाई कर सकते हैं।
कोर्ट ने राजस्व सचिव, कलेक्टर व एसडीएम सहित पक्षकारों को आदेशित किया है कि याचिकाकर्ताओं को शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त करने के लिए नियत समय दिया जाए। साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर, एसडीएम व तहसीलदार को वैधानिक तरीके से आठ सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाने को लेकर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने रिट अपील को खारिज कर दिया है।
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