न्यूजीलैंड ने साल 2020 के खत्म होने से पहले ही कोरोना वायरस पर पूरी तरह से काबू पा लिया है। प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने बुधवार को एसोसिएटेड प्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि लक्ष्य पूरा इतना आसान नहीं था। इस रास्ते में बहुत मुश्किलें आईं।
उन्होंने कहा कि हमें हमें शुरू में ही एहसास हो गया था कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था इस महामारी से निपट नहीं सकेगी। आर्डर्न ने कहा कि जब यूरोप में वायरस का प्रकोप शुरु हुआ तो देश बस दो विकल्प पर विचार कर रहा था। पहला हर्ड इम्युनिटी और दूसरा कोरोना वायरस की संक्रमण दर स्थिर करना। न्यूजीलैंड ने दूसरा रास्ता चुना।
उन्होंने कहा कि हमने जब शुरुआत की थी तो लगा था कि इसे पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है, लेकिन उनकी सोच जल्द बदल गई। लगभग 50 लाख की आबादी वाले न्यूजीलैंड में कोरोना वायरस से केवल 25 मरीजों की मौत दर्ज की गई और तब तक संक्रमण को पूरी तरह से काबू में कर लिया गया।
आर्डर्न ने कहा, ‘मुझे याद है कि मेरे मुख्य विज्ञान सलाहकार ने मुझे एक ग्राफ लाकर दिखाया, जिसमें दिखाया गया था कि न्यूजीलैंड के अस्पताल और स्वास्थ्य क्षमताओं के लिहाद से कोरोना वायरस के संक्रमण दर को समतल करना ही पर्याप्त नहीं है। उन्होने कहा कि मार्च में किए गए सख्त लॉकडाउन की वजह से ही न्यूजीलैंड बिना किसी समुदाय के प्रसार के 102 दिनों तक बढ़ता रहा।
दूसरे प्रकोप के दो महीने बाद आर्डर्न को एक चुनाव अभियान का सामना करना पड़ा। उन्होंने दूसरे कार्यकाल में जीत हासिल की, जिसमें उनकी लेबर पार्टी ने बहुमत से जीत हासिल की, जो कि आखिरी बार 1951 में न्यूजीलैंड के मल्टीपार्टी सिस्टम में हुआ था।