न्यूजीलैंड क्रिकेट प्लेयर्स एसोसिएशन (NZCPA) ने आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) नीलामी की जमकर आलोचना की है, जो सप्ताहांत बेंगलुरु में आयोजित की गई थी. कीवियों ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह समाप्त करने की मांग की है. 27 और 28 जनवरी को लगी बोली में 169 खिलाड़ी बिके थे. इस दौरान 8 फ्रेंचाइजी ने 431 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए.
NZCPA चीफ हेथ मिल्स ने इस नीलामी को क्रूर, अपमानित करने वाला और खिलाड़ियों की आजीविका के साथ खिलवाड़ करने वाला करार दिया है. मिल्स ने न्यूजीलैंड हेराल्ड को बताया, ‘मुझे लगता है कि पूरी प्रणाली पुरानी है और उन खिलाड़ियों के लिए काफी अपमानजनक है, जिन्हें दुनिया के सामने मवेशियों की तरह परेड करते दिखाया गया.’
मिल्स ने वेलिंगटन क्रिकेट के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर क्लिंटन के उस ट्वीट का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, – ‘आईपीएल नीलामी मर्यादाहीन, क्रूर और अनावश्यक रोजगार पैदा करने की प्रक्रिया है. यह हास्यास्पद मध्ययुगीन प्रणाली आज भी जिंदा है.’
पूर्व मिल्स ने कहा है कि कई खिलाड़ी इसलिए निराश हैं, क्योंकि वे अब भी आईपीएल प्रणाली को समझ नहीं पाते हैं. उन्हें नहीं पता कि आखिर यह कैसे काम करता है. उन्होंने नीलामी प्रणाली गलत बताते हुए कहा कि यह कहीं से भी प्रोफेशनल नजर नहीं आता.
नीलामी में 59 विदेशी खिलाड़ी खरीदे गए हैं, जिनमें से 7 न्यूजीलैंड के हैं. इस लिस्ट में ब्रेंडन मेक्कुलम (CSK), केन विलियमसन, (SRH), ट्रेंट बोल्ट (DD), कॉलिन डि ग्रैंडहोम (RCB), कॉलिन मुनरो (DD), टिम साउदी (RCB) और मिचेल सैंटनर (CSK) शामिल हैं.
इससे पहले मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय ने कहा था कि आईपीएल ने लोगों को ‘सट्टेबाजी और फिक्सिंग’ जैसे शब्दों से परिचित कराया है तथा विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघनों को ध्यान में रखते हुए अब समय आ गया है, जब देखना होगा कि क्या यह टूर्नामेंट क्रिकेट खेल के हित में है.’
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