कोरोनावायरस से जुड़े कई मिथकों का खुलासा देश के सबसे बड़े अस्पताल ने किया है. दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि एक स्वस्थ इंसान को मास्क पहनने की बिल्कुल जरूरत नहीं है. बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस 1 ह्यूमन वायरस है. इसका जानवरों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि नॉनवेज खाने से कोरोनावायरस नहीं होता है.
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोनावायरस से खौफ में जीने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ इंसान को मास्क पहने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है.
अगर किसी को जुकाम-खासी है और वो चाहता है कि उसका इंफेक्शन किसी और को ना हो, तो वह मास्क पहन सकता है. उन्होंने कहा कि एन-95 मास्क भी सिर्फ उन्हीं लोगों को पहनने की जरूरत है जो पेशेंट के साथ डील कर रहे हैं यानी कि कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इसका मतलब है कि हेल्थ केयर वर्कर्स को मास्क पहनने की जरूरत है.
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के आसपास में किसी शख्स को कोरोनावायरस हुआ है, तो पूरी आबादी को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि कोरोनावायरस एक ड्रॉपलेट इनफेक्शन है जो 2 मीटर तक ही जा पाता है.
उन्होंने कहा कि अगर कोरोना से पीड़ित कोई शख्स खांसता है तो इसका वायरस 2 मीटर की दूरी तक हवा में रहता है और अगर कोई व्यक्ति उस वक्त उस हवा को सांस के जरिए अंदर लेता है तो उसे यह इंफेक्शन हो सकता है. यह वायरस सरफेस यानी सतह पर यानी दरवाजे टेबल या किसी और सतह पर आ सकता है इसलिए हाथ धोते रहना बहुत जरूरी है.
एम्स के निदेशक ने कहा कि ये कहना गलत है कि शराब पीने से कोरोनावायरस ठीक होता है. उन्होंने कहा कि अल्कोहल और कोरोनावायरस का कोई लेना-देना नहीं है.
नॉनवेज से जुड़ी धारणा को दूर करते हुए डॉ गुलेरिया ने कहा कि कोरोनावायरस 1 ह्यूमन वायरस है. इसका जानवरों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि यह एक इंसान से दूसरे इंसान को ही होता है इसलिए नॉनवेज खाने से कोरोनावायरस होने की कोई आशंका नहीं है.
डॉ गुलेरिया ने कहा कि यह वायरस सिंगापुर जैसे गर्म देशों में भी फैल रहा है तो इटली और साउथ कोरिया जैसे ठंडे देशों में भी हुआ है. उन्होंने कहा कि सर्दी में यह वायरस ज्यादा समय तक रह सकता है लेकिन अगर हम अपनी तरफ से इन्फेक्शन को रोकने के सभी तरीके अपनाते हैं, तो हम सुरक्षित रह सकते हैं. कोरोनावायरस को लेकर अभी तक कोई वैक्सीन या दवा नहीं आई है क्योंकि यह एक नया वायरस है.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की वजह से इस बीमारी को लेकर डर ज्यादा है. डॉ. गुलेरिया के मुताबिक कोरोनावायरस से मौत की दर 2 से 3% ही है, यानी 98% लोग ठीक हो जाएंगे.