पर्यटन सीजन के दौरान पिछले दिनों शहर में लगे जाम, पार्किंग की व्यवस्था न होने, वाहनों को शहर से बाहर रोकने जैसी घटनाओं के चलते पीक सीजन में पर्यटन कारोबार में कमी आई है।
होटल कारोबारियों की मानें तो तीन दिन में ही उनका कारोबार 40 से 50 प्रतिशत तक घट गया है। नाव चालक और रेस्टोरेंट वाले, घोड़े वाले भी इस हालात से चिंतित हैं। बृहस्पतिवार को ही नगर के तमाम होटलों में आधे से ज्यादा कमरे खाली रह गए।
पर्यटन सीजन में इस बार जून में सरोवर नगरी में अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा। मौजूदा पार्किंग पैक होने और नई पार्किंग नहीं बनाए जाने के कारण वाहनों को नगर से बाहर रोकना पड़ा।
रूसी बाईपास, खुर्पाताल तिराहा, चारखते और नारायणनगर में वाहनों को रोका तो अव्यवस्थाएं फैल गईं। वाहनों की लाइनें लगने से लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ा। उच्च वर्ग के ऐसे सैलानी जो खुद के वाहन से ही नैनीताल आने की जिद पर थे, वे रास्ते से ही लौट गए।
व्यवस्था बनाने में लगे पुलिस कर्मियों को कई बार पर्यटकों की खरी-खोटी सुननी पड़ी।पर्यटकों और पुलिस के बीच विवाद, नैनीताल फुल के लेख सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर छाए रहे।
वीकेंड पर पहुंचे पर्यटक तो नगर से चले गए, लेकिन उनकी जगह नए पर्यटक यहां नहीं पहुंचे। सोमवार, मंगलवार और बुधवार को पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली।
होटल एसोसिएशन के कमल जगाती, दिग्विजय सिंह बिष्ट और आलोक साह ने बताया कई पर्यटकों ने बुकिंग रद्द करा दी है। पर्यटन सीजन बीते वर्ष की अपेक्षा आधा ही रह गया है। घोड़ा चालक समिति बारापत्थर के अध्यक्ष अब्दुल सत्तार ने कहा कि इस बार जैसा सन्नाटा पहले नहीं देखा। घोड़े हैं, काम ही नहीं मिल पा रहा है।
होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश साह कहा कहना है क पिछले साल की अपेक्षा इस साल 70 फीसदी कारोबार घट गया है। इसे लेकर होटल कारोबारी चिंतित हैं। इस समय तो बाइपास पर पर्यटकों की गाड़ियां नहीं रोकी जा रही हैं। इसके बावजूद नगर में वाहन नहीं पहुंच रहे हैं।
नाव मालिक समिति के राम सिंह का कहना है कि इस बार तो कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया है। यह पिछले साल से आधा भी नहीं हो सका है। इन दिनों पर्यटक कम आ रहे हैं। चालक और मालिकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।