एजेंसी/ बिहार में शराबबंदी लागू करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने इस अभियान को अब देशव्यापी बनाना चाहते हैं। अगले आम चुनावों पर निगाहें टिकाए नीतीश इस मुद्दे पर मिल रही वाहवाही को राष्ट्रीय स्तर पर भी भुनाना चाहते हैं।
इसकी शुरूआत उन्होंने की है प्रधानमंत्री मोदी के गढ़ कहे जाने वाले बनारस से। गुरुवार को बनारस पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री पूरी रौ में दिखे। मुद्दा बेशक शराब मुक्त भारत का था लेकिन निशाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रहा।
कहा जब हमने बिहार में महागठबंधन बनाया था तो भाजपा हमारी मजाक उड़ाती थी, लेकिन चुनावों में बिहार की जनता ने महागठबंधन को जबरदस्त बहुमत देकर भाजपा को करारा सबक सिखा दिया।
लोकसभा चुनावों में भाजपा वादा करती थी कि वो 100 दिनों में कालाधन वापिस ले आएगी लेकिन दो साल बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। नीतीश ने तंज कसते हुए कहा भाजपा के लोग कहते कुछ और हैं और करते कुछ और। उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है।बहुत उम्मीद से लोगों ने उन्हें वोट दिया था लेकिन उस उम्मीद पर पानी फिर गया। उन लोगों ने युवाओं को रोजगार के लिए आश्वस्त किया था लेकिन कहां है रोजगार।
पंडाल में भारी भीड़ से उत्साहित नीतीश ने कहा जब बिहार में भाजपा को हराया जा सकता है तो दूसरे प्रदेशों और देशभर में भी भाजपा को हराया जा सकता है। हम संघ मुक्त भारत और शराब मुक्त समाज चाहते हैं। नीतीश ने भाजपा के साथ साथ आरएसएस को भी निशाने पर लिया।
कहा- इनके जो वैचारिक पुरखे हैं आरएसएस के लोग इनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है और आज ये सबको देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं। इनसे देशभक्ति का पाठ सीखेंगे लोग। आप तिरंगा का नाम लेने लगे ये हमारे लिए खुशी की बात है, क्योंकि आप तिरंगे के हिमायती तो हैं नहीं, भगवा के हिमायती हैं।
बिहार चुनाव से पूर्व मुलायम सिंह के साथ गठबंधन करने वाले नीतीश ने इस दौरान सपा सुप्रीमो के प्रति भी अपनी टीस जाहिर की। कहा- हमने मुलायम सिंह को अपना नेता मान लिया था लेकिन वह खुद ही हमें छोड़कर चले गए। नीतीश ने घोषणा की पार्टी यूपी में भी अपना जनाधार बढ़ाएगी और जून से प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। नीतीश के साथ इस दौरान जेडीयू महासचिव केसी त्यागी और पूर्व अध्यक्ष शरद यादव भी मौजूद रहे।
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