पिछले सप्ताह ही ही कैबिनेट से मंजूरी के बाद निजी डाटा सुरक्षा बिल को लोकसभा में पेश किया गया जिसका कांग्रेस और राकांपा समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध किया। निजी डाटा सुरक्षा बिल को लेकर विपक्ष ने कहा कि इससे लोगों की निजता खतरे में पड़ जाएगी। लोकसभा में निजी डाटा सुरक्षा बिल पेश होने के बाद सरकार ने कहा कि विधेयक की व्यापक विवेचना के लिये इसे संयुक्त प्रवर समिति को भेजा जायेगा और इस बारे में बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव लाया जायेगा।

विधेयक की पेशी के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मत विभाजन करने को कहा तब विपक्षी दलों ने सदन से वाकआउट किया। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘इस बारे में आरोप निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं। विधेयक में निजता और डाटा सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है और बिना किसी के अनुमति के कोई डाटा जारी करने पर करोड़ों रूपये का जुर्माना लगेगा।’
प्रसाद ने कहा कि इस विधेयक की व्यापक विवेचना के लिये दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति विचार करेगी। इसमें दोनों सदनों के सदस्य होंगे और यह खासतौर पर इसी विषय पर विचार करेगी। उन्होंने इसे संसदीय स्थाई समिति को भेजने की मांग की। हालांकि इससे पहले वह गलती से विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने की बात कहते सुने गये जिसे उन्होंने बाद में सुधार लिया।
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