नासा ने आवाज से तेज रफ्तार से चलने वाले यात्री विमान के कंप्यूटर मॉडल का सफल परीक्षण किया है. एक प्रेस नोट जारी कर नासा ने उम्मीद जताई है कि 2020 में उसके यात्री विमान एक्स-प्लेन्स की पहली सफल उड़ान हो सकती है और इसके साथ ही नासा ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें उसके इंजीनियर एक्स-प्लेन का मॉडल तैयार कर रहे हैं.
एक्स-प्लेन की खासियतें
एक्स-प्लेन बहुत ही छरहरा और चील जैसी चोंच वाला विमान होगा. ये 55 हजार फीट की ऊंचाई पर मैक 1.4 की रफ्तार से उड़ेगा यानी करीब 15 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार. खास बात ये है कि इसकी रफ्तार से सोनिक बूम यानी जबरदस्त आवाज पैदा नहीं होगी.
यात्री विमानों के सोनिक बूम पैदा करने पर फिलहाल दुनिया में प्रतिबंध है.
इसमें कुछ सेकंड के लिए एक उड़ता हुआ विमान भी है. कुछ वक्त पहले नासा ने सोनिक बूम पैदा ना करने वाले तेज रफ्तार विमान का परीक्षण भी किया है. एक्स-प्लेन में भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
हालांकि, नासा का ये एक्स-प्लेन से पहले कॉनकॉर्डे विमान आवाज से तेज रफ्तार से उड़ा करते थे. हालांकि हादसे के बाद 2003 में इनकी उड़ान हमेशा के लिए बंद कर दी गई. इससे सबक लेते हुए नासा भविष्य के सुपर सोनिक यात्री विमान की तकनीक को बहुत सुरक्षित बनाना चाहता है. आवाज से ज्यादा तेज गति से उड़ने के बावजूद इसके यात्रियों को बहुत ही आरामदेह सफर मिलेगा.
और, ऐसे सुरक्षित सफर के लिए ही नासा हाइपरसोनिक ग्लाइडर का भी परीक्षण कर चुका है जिसे अमेरिकी वायुसेना के विमान से छोड़ा गया था. ये ग्लाइडर 11200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ा था जो आज भी एक रिकॉर्ड है. हालांकि, इसका असली मकसद नए किस्म की मिसाइल बनाना था.
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