धर्म के आधार पर आक्षरण को लेकर मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने बड़ा बयान दिया है. नायडू ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण को लागू करने से देश में सामाजिक अशांति होगी. ऐसा करना लोगों को सांप्रदायिक रेखाओं में विभाजित करने जैसा होगा.
नायडू ने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे एक और पाकिस्तान बनने का खतरा बढ़ेगा.
नायडू ने ये बातें शुक्रवार को हैदराबाद में भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की 126वीं जयंती पर आयोजित बीजेपी की बैठक में कही. बैठक में नायडू ने संकेत दिया कि तेलंगाना का कुछ खास वर्गों को आरक्षण देने का प्रस्ताव संवैधानिक रूप से अवैध है.
नायडू ने कहा कि हम धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव) इसे लागू करना चाहते हैं. संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर ने हमेशा धर्म के आधार पर आरक्षण व्यवस्था का विरोध किया था.
वहीं, धर्म के आधार पर आरक्षण के विरोध में एनसीपी भी दिखाई दी. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं बल्कि जाति के आधार पर होनी चाहिए. जबकि यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए संविधान इजाजत नहीं देता है.
दरअसल. तेलंगाना सरकार ने मुस्लिमों को मिल रहे 4 फीसदी के आरक्षण को बढ़ाकर 12 फीसदी करने का फैसला किया है जिसके बारे में मुख्यमंत्री राव ने कहा है कि विधानसभा से पारित प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजा जाएगा. यदि केंद्र ने मंजूरी नहीं दी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट का भी रूख कर सकती है.
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