एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे स्थान पर भारी बारिश अपना कहर बरपा रही है। पिछले महीने असम, बिहार सहित कई इलाकों में बाढ़ से हाल खराब रहे फिर उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में पानी-पानी हो गया अब उत्तराखंड के काफी हिस्सों में सड़के टूट गई, कई किलोमीटर तक नदी बहती दिख रही है। राज्य के मसूरी क्षेत्र और इसके आसपास इलाकों से खतरनाक दृश्य सामने आए है। हालांकि, इनके अलावा राजधानी दिल्ली में भी पिछले काफी समय से रुक-रुक के बारिश हो रही है। बीती रात भी वहां काफी बारिश हुई, जिससे जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं, मौसम विभाग द्वारा आज के लिए भी कई स्थानों पर हाई अलर्ट जारी किया गया है। आने वाले दिनों में भी मौसम खराब रहने की संभावना है।
दिल्ली में रात भर और सुबह की भारी बारिश ने गुरुवार को गर्म मौसम से बहुत जरूरी राहत दिलाई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में आमतौर पर भारी बारिश के साथ आसमान में बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद सहित दिल्ली से सटे कई क्षेत्रों के लिए ‘हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश’ की भविष्यवाणी की है। आईएमडी ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, ‘दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, रोहतक, जींद, नरवाना, महम, गुरुग्राम, मानेसर, गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल, होडल, बुलंदशहर, गुलोथि, गुलाल, गुल्थी के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश होगी।’
दिल्ली-NCR से अलग इन इलाकों में बारिश के आसार
बताया गया कि गुजरात क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना के साथ ओले भी पड़ सकते हैं। उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र, कोंकण और गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पृथक स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की भविष्यवाणी की गई है। वहीं, हिमाचल प्रदेश, पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा और तटीय कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावनी है।
देशभर में बने मौसमी सिस्टम की बात करें तो स्काइमेट नें इस जानकारी देते हुए बताया, ‘मानसून की अक्षीय रेखा गंगानगर, हिसार, बरेली, गोरखपुर, गया, जमशेदपुर और दिघा होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी भागों तक बनी हुई है। वहीं, उत्तर पूर्वी राजस्थान के ऊपर हवाओं में एक चक्रवाती क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान और इससे सटे गुजरात पर भी एक चक्रवाती सिस्टम बना हुआ है। एक अन्य मौसमी सिस्टम पूर्वी असम के ऊपर है। इसकी क्षमता भी चक्रवाती क्षेत्र की है।