पंजाब Vigilance bureau ने जीरकपुर नगर कौंसिल के तहत आने वाली अवैध कॉलोनियों की जांच तेज कर दी है। ब्यूरो इन कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए सक्रिय प्रापर्टी माफिया व निकाय विभाग के अफसरों की मिलीभगत का पता लगा रहा है। अकाली विधायक व बिल्डर एनके शर्मा के प्रोजेक्टों की भी जांच की जा रही है।
विजिलेंस अधिकारी माफिया के तार पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के एक नजदीकी के साथ भी जुड़ने को लेकर जांच कर रहे हैैं, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैैं। कौंसिल के ईओ गिरीश वर्मा के मोबाइल फोनों की कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है।Vigilance bureau के मोहाली स्थित मुख्यालय में सोमवार को नगर कौंसिल ज़ीरकपुर, डेराबस्सी समेत लोकल बॉडीज के कई अफसरों से पूछताछ की गई। कई प्रोजेक्टों के रिकार्ड की जांच की गई। विजिलेंस ने ईओ गिरीश वर्मा सहित कई अफसरों व बिल्डरों से पांच घंटे पूछताछ की। जीरकपुर नगर कौंसिल के दफ़्तर में विजिलेंस छापे को चाहे सिद्धू के करीबियों के साथ जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन पूरे मामले के पीछे अवैध कॉलोनियों के नक्शे पास करना और बिल्डरों व अफसरों की मिलीभगत को बताया जा रहा है।
पिछले दो सालों के दौरान ज़ीरकपुर, डेरा बस्सी इलाकों में अवैध कालोनियों को रेगुलर करने का रिकार्ड Vigilance bureau ने मांगा है। डेराबस्सी से अकाली विधायक और प्रसिद्ध बिल्डर एनके शर्मा के प्रोजेक्टों की फाइलों की भी ब्यूरो द्वारा जांच की जा रही है। शर्मा के दो बड़े प्रोजेक्टों के बकाया करोड़ों की फीस न भरे जाने को लोकल बॉडीज विभाग के अफसरों की मेहरबानी व मिलीभगत के तौर पर देखा जा रहा है।विजिलेंस को बीते दिनों जीरकपुर नगर कौंसिल में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं। इसमें सामने आया था कि नक्शे पास करने, अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने में नियमों को ताक पर रख भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।
मैैं समय पर फीस जमा करवाता हूं : एनके शर्मा- मैं समय पर अपने प्रोजेक्टों की फीस जमा करवाता हूं। कांग्रेस सरकार बनने के बाद सियासी खुन्नस निकालने के लिए पांच करोड़ रुपये की फालतू फीस का मुझे नोटिस भेजा गया। जिसे हमने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कोर्ट ने मुझे राहत देते हुए स्टे लगा दिया था। मामला जीरकपुर व डेराबस्सी में एक पावरफुल मंत्री के चहेते की शह पर तीन-चार मंजिला फ्लैट बनाने और अवैध कॉलोनियों को रेगुलर कराने का है। इसकी उच्चस्तरीय जांच करके पूरे मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए।
आखिर कौन है पावरफुल प्रिंस- विजिलेंस को यह भी सूचना मिली थी कि प्रिंस नाम का एक व्यक्ति नगर कौंसिल में कोई भी काम करवा सकता है। उसके एक मंत्री के साथ नजदीकी संबंध हैैं। कोई भी नक्शा पास करना हो या फिर अवैध कॉलोनी रेगुलर करवानी हो, प्रिंस के बिना कुछ नहीं हो सकता है। विजिलेंस ने जीरकपुर नगर कौंसिल कार्यालय समेत पांच स्थानों पर छापेमारी करके जांच की है और अधिकारियों से रिकार्ड मांगा है।
विजिलेंस चीफ छुट्टी पर, अन्य अफसरों ने चुप्पी साधी- Vigilance bureau के चीफ़ डायरेक्टर कम एडीजीपी बीके उप्पल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो पता चला कि वह दस दिन की छुट्टी पर हैैं। आइजी कम डायरेक्टर नागेश्वर राव ने इतना कहा कि जांच चल रही है, पूरी होने पर कुछ कह सकेंगे।