केंद्र सरकार ने पिछले साल जनवरी तक नमामि गंगे अभियान के तहत 28,791 करोड़ रुपये की 310 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इनमें से 116 परियोजनाएं अब तक पूरी हो चुकी हैं और अन्य परियोजनाएं कार्यान्वयन और निविदा के स्तर पर हैं। जल संसाधन पर संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों के जवाब में केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी है। समिति की रिपोर्ट इस साल नौ फरवरी को लोकसभा में पेश की गई।

सरकार ने संसदीय समिति को बताया है कि 31 जनवरी, 2020 तक सरकार ने नमामि गंगे अभियान के तहत 310 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इनमें सीवरेज के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण, घाट और शवदाहगृह बनाना, रिवर फ्रंट का विकास, नदी की सफाई, संस्थागत विकास, जैव विविधता संरक्षण और ग्रामीण स्वच्छता शामिल हैं। जिन परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है और जिन पर काम चल रहा है, उन पर अब तक 8,956 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सरकार ने यह भी कहा है कि सीवरेज परियोजनाओं में 15 साल के लिए संचालन और रख-रखाव का खर्च शामिल है।
सरकार के मुताबिक, नमामि गंगे अभियान विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है। इनमें कई एजेंसियां शामिल हैं। इसलिए परियोजना में प्रक्रियागत देरी स्वाभाविक है। हालांकि, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा इन मुद्दों का शीघ्र समाधान करने और परियोजनाओं के कार्यान्वयन की रफ्तार बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकार ने यह भी कहा कि कार्यक्रम ने अब गति पक़़डी है और वित्त वषर्ष 2017-18 से फंड का तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। 152 सीवरेज परियोजनाओं में से 97 को 2017 के बाद से मंजूरी मिली है, जब राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को प्राधिकरण के रूप में अधिसूचित किया गया। सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने हर साल परियोजनाओं के लिए आवंटन ब़़ढाया है।
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