इनेलो प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक नफे सिंह राठी हत्याकांड को लेकर सीबीआई ने पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में गिरफ्तार आरोपियों को लेकर शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल की है। इस हत्याकांड में पुलिस अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है जबकि दो शूटर अभी पुलिस पकड़ से बाहर हैं। हत्याकांड के पीछे वजह क्या रही और किन लोगों के कहने पर इस वारदात को अंजाम दिया गया। इसको लेकर सीबीआई पिछले एक महीने से गहन छानबीन में जुटी हुई है। सीबीआई की ओर से कैंप कार्यालय पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस बहादुरगढ़ में बनाया हुआ है। तीन दिन पहले सीबीआई ने एफआईआर में नामजद सात आरोपियों से तीन घंटे तक पूछताछ भी की थी।
नफे सिंह राठी के भतीजे कपूर राठी ने बताया कि 25 फरवरी को बराही फाटक के नजदीक नफे सिंह राठी और उनके समर्थक जयकिशन दलाल की चार हमलावरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। लाइनपार थाना में मामला दर्ज किया गया था। 26 फरवरी को हरियाणा सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। हरियाणा सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया था। 31 मई को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई केस, पंचकूला, हरियाणा की अदालत में धारा 173 (2) चार्जशीट दायर की है। पुलिस ने दो हमलावरों आशीष और सौरव को गोवा से गिरफ्तार किया था।
वहीं, हमलावरों को गाड़ी मुहैया करवाने वाले शख्स धर्मेंद्र निवासी बिजवासन को भी गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन इस मामले में दो हमलावर अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इतना ही नहीं गैंगस्टर नंदू ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये ली थी, लेकिन इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले असली साजिशकर्ता के नाम का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। सीबीआई ने गत मंगलवार को नफे सिंह राठी हत्याकांड को लेकर बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नरेश कौशिक, बहादुरगढ़ नगर परिषद की चेयरपर्सन सरोज राठी के पति रमेश राठी, नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष कर्मबीर राठी, उनके बेटे कमल के अलावा पूर्व मंत्री मांगेराम के बेटे सतीश नंबरदार और स्वर्गीय जगदीश नंबरदार के बेटे गौरव और राहुल से पूछताछ की थी।
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