फिल्म अभिनेता और बॉलीवुड स्टार गोविंदा सोमवार को पंचकूला के माता मनसा देवी मंदिर पहुंचे। गोविंदा लॉकडाउन के बाद शूटिंग और धार्मिक यात्रा पर निकले हैं। इस दौरान गोविंदा की पत्नी सुनीता भी उनके साथ थीं। गोविंदा मंदिर परिसर में जैसे ही कार से उतरे तो अचानक उनको देखकर लोग अचंभित हो गए। देखते ही देखते लोगों की भीड़ लग गई।
अपने चिरपरिचित अंदाज में बॉलीवुड स्टार ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने अपनी कार पटियाला मंदिर के पास पार्क करवाई थी। इसके बाद गोविंदा और उनकी पत्नी मंदिर पहुंचे। यहां पुजारी देसराज और पंडित सुदर्शन शर्मा ने उनको माता के दर्शन कराए। दोनों पुजारी भी गोविंदा को देखकर चौंक गए।
उन्होंने माता मनसा देवी मंदिर के सीईओ महावीर सिंह यादव से उनके कार्यालय में मुलाकात की। महावीर सिंह यादव ने बताया कि गोविंदा करीब 15 मिनट तक उनके पास बैठे और बताया कि वह देवी-देवताओं के दर्शन को निकले हैं। इस दौरान उनका शूटिंग का कार्यक्रम भी है।
बता दें कि माता मनसा देवी मंदिर का इतिहास बड़ा ही प्रभावशाली है। माता मनसा देवी मंदिर में चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है। जिसके चलते यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं। यहां लोग माता से अपनी मनोकामना के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। माना जाता है कि माता मनसा देवी से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
कहा जाता है कि जिस जगह पर आज मां मनसा देवी का मंदिर है, यहां पर सती माता के मस्तक का आगे का हिस्सा गिरा था। मनसा देवी का मंदिर पहले मां सती के मंदिर के नाम से जाना जाता था। मान्यता है कि मनीमाजरा के राजा गोपालदास ने अपने किले से मंदिर तक एक गुफा बनवाई थी, जो लगभग तीन किलोमीटर लंबी है। वे रोज इसी गुफा से मां सती के दर्शन के लिए अपनी रानी के साथ जाते थे। जब तक राजा दर्शन नहीं नहीं करते थे, तब तक मंदिर के कपाट नहीं खुलते थे।
माता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्ध शक्तिपीठों का। माता मनसा देवी के सिद्ध शक्तिपीठ पर बने मंदिर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर आज से लगभग पौने दो सौ साल पहले चार साल में अपनी देखरेख में सन् 1815 में पूर्ण करवाया था।