साउथ फिलीपींस के एक द्वीप पर रविवार को चर्च को निशाना बनाकर किये गये दो बम विस्फोटों में 18 लोगों की मौत हो गई. यह इलाका इस्लामी आतंकियों का गढ़ माना जाता है और कुछ दिन पहले ही क्षेत्र के मतदाताओं ने स्वायत्त मुस्लिम क्षेत्र के हक में मतदान किया था.
राष्ट्रपति के प्रवक्ता सल्वाडोर पनेलो ने कहा, ‘हमलोग इस कायराना हमले के साजिशकर्ताओं का पता लगायेंगे. कानून उन्हें छोड़ेगा नहीं.’ खबरों के मुताबिक आतंकी संगठन ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. प्रांतीय सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल गेरी बेसाना ने बताया कि धमाकों में 5 सैनिक, तटरक्षक दल का एक जवान और 12 नागरिक मारे गये हैं जबकि 83 अन्य जख्मी हुए हैं.
कैथलिक बहुल देश के अशांत दक्षिण क्षेत्र में कैथेड्रल गिरजाघर के अंदर पहला धमाका इसके अंदर बनी बैठक में हुआ. धमाका इतना जोरदार था कि चर्च की खिड़कियां टूट गईं और शव जहां-तहां बिखरे पड़े थे. धमाके वाली जगह पर सभा का आयोजन हुआ था.
इसके कुछ ही देर बाद चर्च के बाहर धमाका हुआ, जिसमें सैनिक भी मारे गये. ये सैनिक पहले धमाके के तुरंत बाद घायलों की मदद के लिये आये थे. दोहरे बम धमाकों से जोलो स्थित चर्च को काफी नुकसान पहुंचा है. एक सप्ताह से भी कम वक्त पहले इस मुस्लिम बहुल इलाके के लोगों ने इसे स्वायत्त मुस्लिम क्षेत्र घोषित करने के लिये जनमत संग्रह के पक्ष में मतदान किया था, जिससे लंबे समय से चली आ रही अलगाववादी हिंसा के कम होने की उम्मीद की जा रही थी.
पीएसए फिलीपींस कंसल्टेंसी में बिजनेस इंटेलिजेंस के निदेशक ग्रेगरी व्याट ने कहा, ‘सिर्फ जनमत संग्रह के पारित हो जाने भर से ही चीजें रातों रात बेहतर नहीं हो जायेंगी.’उन्होंने कहा, ‘अब भी आतंकी संगठन यहां बने हुए हैं जो लगातार सक्रिय और सुरक्षा के लिये खतरा बने रहेंगे.’ इससे पहले जोलो में सेवा दे चुके बिशप एंजेलिटो लैम्पोन ने कहा कि रविवार का हमला सबसे बुरा है. लेकिन यह चर्च पर कोई पहला हमला नहीं है.