मुंबई : रजनीकांत के दामाद और एक्टर धनुष को पैटर्निटी केस में राहत मिल गई है| धनुष ने इस केस की कानूनी लड़ाई जीत ली है. मद्रास हाई कोर्ट की मदुरई बेंच ने बुजुर्ग दंपती के धनुष के मां-बाप होने के दावे को खारिज कर दिया है| पिछले साल नवंबर में बुजुर्ग दंपती ने धनुष को अपना बेटा बताते हुए उनसे हर महीने 65 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने की मांग की थी| बुजुर्ग दंपती ने सबूत के तौर पर धनुष की कक्षा 10 के सर्टिफिकेट्स और कथित आईडेन्टिफिकेशन मार्क्स का जिक्र था|

उन्होंने कहा था कि धनुष उनके बेटे हैं, जो कई साल पहले घर से भाग गया था| इसके बाद मेलूर की एक ज्यूडिशियल कोर्ट ने धनुष को समन भेजा था. धनुष ने हाई कोर्ट की मदुरई बेंच में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही को निरस्त करने की अपील की| इस दावे को धनुष ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनका बुजुर्ग दंपती से कोई संबंध नहीं है| उन्होंने शंका जताई कि पैसे के लिए कोई साजिश कर रहा. धनुष ने जन्म चिह्नों के ज़रिए पुष्टि करवाने की पेशकश भी अदालत से की|
28 फरवरी को कोर्ट ने धनुष को आईडेन्टिफिकेशन मार्क्स की मेडिकल जांच कराने के निर्देश दिए थे| जांच करने वाले मदुरई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को धनुष के शरीर पर दोनों आईडेन्टिफिकेशन मार्क्स नहीं मिले| उनका कहना था कि तिल को तो लेजर तकनीक से हटाया जा सकता है लेकिन दाग नहीं हटाए जा सकते| इसके बाद फैसला धनुष के पक्ष में चला गया|
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