साल आने वाला दिवाली का पर्व बहुत ही ख़ास होता है। इस साल यह पर्व 14 नवम्बर को मनाया जाने वाला है। ऐसे में 13 नवम्बर को इस बार धनतेरस का पर्व मनाया जाने वाला है। जी दरअसल धनतेरस के दिन धन-आरोग्य के देवता भगवान श्री धन्वतंरि जी की पूजा अर्चना करते हैं। धनतेरस के शुभ दिन समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर भगवान धन्वतंरि अवतरित हुए थे। कहा जाता है धनतेरस के दिन भगवान धन्वतंरि का विधिवत पूजन करने के बाद आरती करनी चाहिए जिससे मनचाही मुराद पूरी होती है। अब आइए हम आपको बताते हैं श्री धन्वन्तरी जी की आरती।।

।। भगवान श्री धन्वन्तरी जी की आरती ।।
1- ॐ जय धन्वन्तरि देवा, स्वामी जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा ॥
2- तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
3- आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
4- भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
5- तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
6- हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
7- धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐजय धन्वन्तरि जी देवा॥
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