ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम में वानप्रस्थ घाट पर शुक्रवार को तीन दिवसीय द बीटल्स एंड द गंगा महोत्सव का आगाज हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महोत्सव का उद्घाटन किया। महोत्सव में करीब 15 देशों से विदेशी मेहमान शिरकत करेंगे।
सीएम धामी ने कहा कि योगनगरी का आध्यात्म और संगीत से गहरा संबंध है। ऋषिकेश विश्व की आध्यात्म राजधानी है। दुनिया के हर स्थान पर रहने वाला व्यक्ति ऋषिकेश के बारे में परिचित है। बीटल्स ने पाश्चात्य सभ्यता को यह दिखाया कि किस प्रकार से आत्मा और संगीत मिश्रित होकर आध्यात्म में विलीन हो सकते हैं। बीटल्स के सदस्यों ने इसी भूमि से प्रेरित होकर एक ऐसा संगीत बनाया जिसकी धुन पूरे विश्व ने महसूस की। आज हम उसी बीटल्स का महोत्सव मना रहे हैं। इस फेस्टिवल के माध्यम से उत्तराखंड को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
लोक संस्कृति पर रहेगा विशेष ध्यान
महोत्सव में स्वर्गाश्रम और लक्ष्मणझूला क्षेत्र में संचालित योग केंद्र के योगाचार्याें और योग साधकों को भी बुलाया गया है। संगीत प्रस्तुति संग स्थानीय उत्पाद का स्टॉल लगाया जाएगा, साथ ही मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे जाएंगे।
महोत्सव में गढ़वाली लोक संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्थानीय उत्पादों के स्टॉल पर महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में रहेंगी। 28 अक्तूबर को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी उपस्थित रहेंगे। महोत्सव के दौरान योग, ध्यान, पर्यटन के अतिरिक्त नमामि गंगे पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
विदेशी पर्यटकों के लिए भी पश्चिमी संगीत के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बीटल्स से संबंधित संगीत और भावातीत योग, ध्यान के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी। महोत्सव वानप्रस्थ आश्रम, परमार्थ निकेतन और महर्षि महेश योगी की बीटल्स कुटिया में होंगे। इसके लिए 84 कुटिया को सजाया संवारा जा रहा है। इस महोत्सव का बीटल्स आश्रम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाना है।
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