नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी रिफायनरी बनाने में 30 अरब डॉलर या दो लाख करोड़ की लागत आएगी. यह जांनकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. सार्वजनिक क्षेत्र की इन्डियन आइल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और ईआईएल की योजना इस रिफायनरी को पश्चिमी तट स्थापित करने की है. आईओसी रिफायनरी के निदेशक संजीव सिंह ने कहा कि दो चरणों में 6 करोड़ टन सालाना की रिफायनरी और विशाल पेट्रो रसायन परिसर स्थापित किया जाएगा.
पहला चरण 4 करोड़ टन का होगा.जिस पर करी डेढ़ लाख करोड़ की लागत आएगी. भूमि ग्रहण की तारीख से 5 -6 साल में इसे पूरा किया जायेगा. इस विशाल परिसर के लिए 12 से 15 हजार एकड़ जमीन की जरूरत होगी, जिसके लिए महाराष्ट्र में दो तीन साइटें देखी जारही है. सिंह ने कहा दूसरे चरण में 50 से 60 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी.
आईओसी पश्चिमी तट पर इसलिए सम्भावनाएं देख रही है क्योंकि ज्यादतर रिफाइनरियां उत्तर में हैं और उसके लिए पश्चिम और दक्षिण के ग्राहकों की जरूरत पूरा करने में परेशानी आ रही है. इस रिफायनरी में पेट्रोल, डीजल, एटीएम, एलपीजी के साथ महाराष्ट्र के प्लास्टिक, रसायन और कपड़ा उद्योग को पेट्रो रसायन संयंत्र के लिए कच्चे माल का उत्पादन होगा.
बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी डेढ़ करोड़ टन क्षमता वाली रिफायनरी ओडिशा के पारादीप में शुरू की गई है, जबकि निजी क्षेत्र में इसका श्रेय रिलायंस को जाता है जिन्होंने जामनगर में 2.7 करोड़ टन क्षमता की स्थापित की थी