महाराष्ट्र में मंदिर खोलने को लेकर राज्यपाल और सरकार के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। उद्धव ठाकरे की सरकार द्वारा मंदिर न खोले जाने पर राज्यपाल ने पत्र लिखकर पूछा था कि कोई दैवीय संकेत मिल रहा है या वो अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं। इसपर मुख्यमंत्री ने पूछा था कि क्या आपको देश का संविधान व धर्मनिरपेक्षता स्वीकार नहीं है? वहीं अब एक बार फिर शिवसेना सांसद संजय राउत ने राज्यपाल पर निशाना साधा है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘हमारे संविधान और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल के पदों की प्रकृति धर्मनिरपेक्ष है। हिंदुत्व हमारे हृदय और व्यवहार में है लेकिन देश संविधान के आधार पर कार्य करता है जिसकी प्रकृति में धर्मनिरपेक्ष है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यदि (महारष्ट्र) राज्यपाल मुख्यमंत्री की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाते हैं, तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को राज्यपाल से पूछना चाहिए कि वह धर्मनिरपेक्ष है या नहीं। कोई भी मंदिरों को बंद नहीं रखना चाहता लेकिन हमें लोगों की जान बचानी है।’
सामना में राज्यपाल पर सवाल उठाते हुए लिखा गया है कि राज्यपाल के पद पर आसीन व्यक्ति को कैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, यह भगत सिंह कोश्यारी ने दिखा दिया है। मुखपत्र में लिखा है कि राज्यपाल ने आ बैल मुझे मार जैसा व्यवहार किया लेकिन वे ये कैसे भूल गए कि यहां बैल नहीं बल्कि शेर है।
शिवसेना ने सामना में कहा, ‘ठाकरे ने कड़े शब्दों में कहा, ‘राज्यपाल महोदय, संविधान के अनुसार आपने राज्यपाल पद की शपथ ली है। आपको देश का संविधान व धर्मनिरपेक्षता स्वीकार नहीं है क्या? और आपको हमारे हिंदुत्व पर कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं है। मेरे हिंदुत्ववाद को आपके प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।’