कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए भारत में पूरी तेजी के साथ काम हो रहा है। कोरोना पर बहस का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Health Minister Dr Harsh Vardhan) ने ने कहा कि देश में कोरोना की 30 वैक्सीन पर काम हो रहा है। इनमें से तीन वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में है, जबकि चार वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल से पहले की अवस्था में हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना मामलों के अचानक बढ़ने की मुख्य वजह लोगों का गैरजिम्मेदाराना रवैया है। लोगों ने अनलॉक का गलत मतलब समझा है और पूरी तरह से लापरवाह हो गए हैं। इससे पहले, अपने ‘संडे संवाद’ कार्यक्रम में लोगों से बातचीत करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में कोरोना में उल्लेखनीय बदलाव नहीं आया है। आइसीएमआर लोगों के लार से कोरोना जांच की संभावनाएं तलाश रही है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सरकार दोबारा संक्रमित होने वाले लोगों के आंकड़े एकत्र करने पर विचार कर रही है।
इससे पहले हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा था कि भारत भी अन्य देशों की तरह ही वैक्सीन बनाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में भारत में वैक्सीन उपलब्ध होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि बीते कुछ महीने से राज्य और केंद्र की सरकार कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा देश मिलकर कोरोना की लड़ाई को लड़ रहा है। 7 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन से सूचना मिली थी कि चीन में कोरोना का केस मिला है। हमने 8 जनवरी से बैठकें शुरू कर दी थीं। इतिहास इस बात को लेकर पीएम मोदी को याद करेगा कि कैसे लगातार 8 महीने तक उन्होंने कोरोना को लेकर हर एक्शन पर नजर रखी।