स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने कहा कि देश में पिछले 45 दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और सक्रिय मामलों में कमी देखी गई है। जांच की आवश्यकता पर जोर डालते हुए उन्होंने कहा कि महामारी को देखते हुए लोगों को हर स्थिति में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अगर उनमें कोई कोरोना वायरस महामारी का कोई भी लक्षण दिख रहा है, तो वे अपनी जांच जरूर करवाएं। उन्होंने कहा कि जांच करवाने को लेकर झिझकें नहीं और संकोच न करें।
देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है। यहां स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव प्रशांत भूषण ने बताया कि भारत में कोरोना की वजह से प्रति 10 लाख की आबादी पर 94 मौतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि कई विकसित देश ऐसे हैं जहां प्रति 10 लाख की आबादी पर 500 से 600 तक मौतें दर्ज की गई हैं। कोरोना से ठीक होने की दर 93 फीसदी से ज्यादा हो गई है।
मंत्रालय ने बताया कि देश के कुल मामलों का 76.7 फीसदी हिस्सा 10 राज्यों से है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। बाकी राज्यों में देश के कुल मामलों का 23.3 फीसदी हिस्सा है। महाराष्ट्र में 18.83 फीसदी, केरल में 15.67, दिल्ली में 8.85, बंगाल में 6.15, कर्नाटक में 5.67, यूपी में 4.99, हरियाणा में 4.27, राजस्थान में 4.12, छत्तीसगढ़ में 4.10 और आंध्र प्रदेश में 3.95 फीसदी मामले हैं।
राजेश भूषण ने कहा कि देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना वायरस संक्रमण के 6430 मामले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले सात दिनों में प्रति 10 लाख की आबादी पर देश में 211 नए मामले सामने आए हैं। कई देशों में यह संख्या 2500 से भी ज्यादा है। देश में अभी तक 12 करोड़ 65 लाख कोरोना जांच की जा चुकी हैं। भूषण ने कहा कि कुल मिलाकर पॉजिटिविटी रेट (सकारात्मकता दर) सात फीसदी है। वहीं, कोरोना वायरस से ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) 93 फीसदी से ज्यादा है।