देश में 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था, तब से लेकर अबतक 49 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। इसमें से 97 फीसदी लोगों ने कोविड-19 वैक्सीन से संतुष्टि जताई है, जबकि 11 फीसदी ने कहा कि टीकाकरण की प्रक्रिया के दौरान उन्हें गंभीर प्रतिकूल घटनाओं की जानकारी नहीं दी गई थी।

अब तक जिन लोगों को टीका लग चुका है, उनमें से 37 लाख लोगों का फीडबैक लिया गया लेकिन इनमें से केवल 5,12,128 लोगों ने ही अपनी प्रतिक्रिया दी। जिन लोगों की ओर से प्रतिक्रिया आई, उनमें से 97.4 फीसदी लोगों ने कहा कि टीकाकरण वाले बूथ पर पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग की गई थी।
98.4 फीसदी लोगों को इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई थी। 97.1 फीसदी लोगों को टीका लगने के बाद 30 मिनट तक इंतजार करने के लिए कहा था और 97.4 फीसदी लोग टीकाकरण की प्रक्रिया से संतुष्ट पाए गए थे। इन लोगों में से केवल 8,563 लोगों को ही गंभीर प्रतिकूल अनुभव हुआ।
इसके अलावा 34 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कोविड-19 का टीका लगने के बाद भी कुछ मरीजों की मौत हुई है लेकिन इससे वैक्सीन का कोई लेना-देना नहीं है। टीका लगने के बाद जिन मरीजों की मौत हुई है, उनका पोस्टमार्टम किया गया है और राज्य और राष्ट्रीय टीकाकरण कमिटी डाटा की समीक्षा कर रही हैं।
सरकार ने जानकारी दी कि 13 फरवरी को दूसरी डोज दी जाएगी। सरकार को आशा है कि शुक्रवार तक 50 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी को टीका लग जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी कि अभी देश में 5,912 सार्वजनिक और 1,239 निजी अस्पतालों और केंद्रों में टीकाकरण अभियान चल रहा है। इसके अलावा बताया गया कि कोविन सिस्टम के जरिए लाभार्थियों के डाटा को सुरक्षित रखा जा रहा है।
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