हैदराबाद नगर निगम चुनाव की गूंज राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र दिल्ली तक सुनाई दी है, जिस पर देश भर की निगाहें लगी हुई हैं. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की 150 सीटों पर 1122 प्रत्याशी मैदान में हैं, हैदराबाद में हुए अब तक के चुनावों में वोटिंग 50 फीसदी भी नहीं पहुंच सकी है.
हैदराबाद नगर निगम के 150 सीटों पर कुल 74,67,256 मतदाता हैं. इनमें 38,89,637 पुरुष और 35,76,941 महिला जबकि थर्ड जेंडर के 678 मतदाता हैं. नगर निगम की 150 सीटों के लिए 2927 मतदाता स्थल बनाए गए हैं, जहां पर 9101 वोटिंग बूथ हैं.
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में अभी तक 45 फीसदी के आसपास ही वोटिंग रही है. 2009 के हैदराबाद नगर निगम चुनाव में 42.04 फीसदी वोटिंग हुई थी. इसके बाद 2016 में हुई नगर निगम चुनाव में वोटिंग पैटर्न ऐसे ही रहा और 45.29 फीसदी लोग ही अपने घरों से निकलकर वोट डालने बूथ स्थल तक पहुंचे थे. हैदराबाद नगर निगम के पिछले चुनाव में वोटिंग 50 फीसदी का आंकड़ा पार नहीं कर सकी. इससे पहले भी हुए चुनाव में 50 फीसदी से कम वोटिंग रही है.
नगर निगम चुनाव ही नहीं बल्कि विधानसभा और लोकसभा में हैदराबाद के लोग अपने घरों से वोट डालने के लिए कम ही निकलते हैं. 2014 लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हैदराबाद में एक साथ हुए थे, जिसमें महज 53 फीसदी लोगों ने वोट डाला था. इसके बाद 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 50.86 फीसदी वोटिंग हुई थी जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में हैदराबाद सीट पर महज 44.75 फीसदी वोट पड़े और सिकंदराबाद सीट पर 46.26 फीसदी मतदान हुआ था. इस तरह से नगर निगम और लोकसभा-विधानसभा चुनाव में वोटिंग का एवरेज 45.51 फीसदी ही रहा है.
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की कुल 150 सीटों पर कुल 1122 प्रत्याशी मैदान में हैं. बीजेपी के 149 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं तो टीआरएस ने सभी 150 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. वहीं कांग्रेस 146 सीटों पर ताल ठोक रही है जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने महज 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. टीडीपी 106, सीपीआई 17, सीपीएम 12, निर्दलीय 415 और अन्य पार्टियों से 76 प्रत्याशी मैदान में है.
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है. यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मलकजगिरी और संगारेड्डी आते हैं. इस पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं. यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर से लेकर बीजेपी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी तक की साख दांव पर लगी है.
बता दें कि 2016 के ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में टीआरएस ने 150 वार्डों में से 99 वार्ड में जीत दर्ज की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 44 वार्ड जीते थे. वहीं, बीजेपी महज तीन नगर निगम वार्ड में जीत दर्ज कर सकी थी और कांग्रेस को महज दो वार्डों में ही जीत मिली थी. इस तरह से ग्रेटर हैदराबाद और पुराने हैदराबाद के निगम पर केसीआर और ओवैसी की पार्टी ने कब्जा जमाया था.