सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में हर पल नए मोड़ आ रहे हैं. बिहार पुलिस की टीम शनिवार शाम सुशांत सिंह की पूर्व मैनेजर दिशा सल्याण की अस्वाभाविक मौत को लेकर मुंबई के मालवणी पुलिस थाने में पूछताछ करने गई. मुंबई पुलिस ने सभी विवरण साझा करने की बात कही, लेकिन उसी समय एक कॉल मिलने के बाद चीजें बदल गईं.
मुंबई पुलिस ने बिहार से आई टीम को बताया कि दिशा के फोल्डर को “अनजाने में डिलीट कर दिया गया है” और इसे नहीं ढूंढ सकते. बिहार पुलिस को दिशा का लैपटॉप देने से भी मना कर दिया गया. बिहार पुलिस रविवार को दिशा के परिवार के सदस्यों के बयान लेने पहुंची थी, लेकिन परिवार का कोई सदस्य नहीं मिला. बिहार पुलिस उस चाबी वाले को भी खोज रही है, जिसने सुशांत के दरवाजे का लॉक खोला था.
बहरहाल, इस पूरे मसले पर बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने मीडिया से बातचीत की. मुंबई पुलिस के रवैये पर उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों की पुलिस हमारे यहां आती है, लेकिन किसी ने आज तक शिकायत की कि बिहार पुलिस ने उनका सहयोग नहीं किया. बाहर से आई पुलिस की हर तरह से मदद करते हैं. लिहाजा हम भी उम्मीद करते हैं कि हमें भी वैसा ही सहयोग मिलेगा.
दिशा के फोल्डर डिलीट होने के सवाल पर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि देश की जनता सब देख रही है. देश के मन में कहीं न कहीं सवाल है. कुछ संदेहास्पद है. कुछ मिस्ट्री है. इसलिए बिहार और मुंबई पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि इसका कुछ संतोषजनक समाधान निकालें. संतोषजनक समाधान का मतलब है कि निष्पक्ष अनुसंधान, निष्पक्ष जांच. अगर इस केस में कुछ गड़बड़ तो कोई कुछ पचा नहीं पाएगा. क्योंकि देश की सवा सौ करोड़ जनता इसे देख रही है. बिहार और मुंबई पुलिस को मिल-जुलकर सच्चाई की तह तक पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए. अगर मुंबई पुलिस सहयोग करेगी तो हम इसे अंतिम मुकाम तक ले जाएंगे.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बताया कि 25 जुलाई 2020 को पटना में केस दर्ज किया गया. बिहार पुलिस की टीम 27 जुलाई को मुंबई रवाना हुई थी और टीम ने उसी दिन से जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. बिहार पुलिस की टीम 28 जुलाई को डीसीपी बांद्रा से मिली, लेकिन उन्होंने सलाह दी की डीसीपी डिटेक्शन से मिलिए. 29 जुलाई को जब डीसीपी डिटेक्शन से मिलने गए तो कोई मुलाकात नहीं हुई. फिर बिहार के सीनियर एसपी ने अपने समकक्ष से बात की. उसके बाद मुंबई पुलिस से औपचारिक बातचीत हुई. मुंबई पुलिस ने सहयोग का आश्वासन भी दिया. लेकिन हमें अभी तक कुछ नहीं मिला. कोई रिपोर्ट नहीं मिली. सीसीटीवी फुटेज तक नहीं मिली. इसमें मुंह छिपाने की क्या जरूरत है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि इस मामले को मुंबई पुलिस बनाम बिहार पुलिस न किया जाए. हम सुशांत सिंह मामले में जस्टिस चाहते हैं. रिया चक्रवर्ती के बारे में पूछ जाने पर उन्होंने कहा कि मिल जातीं तो बात ही क्या थी. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि आप (रिया चक्रवर्ती) ट्वीट करते हो कि सीबीआई जांच हो, लेकिन बिहार पुलिस जाती है तो आप छिप जाते हो. ये लुकाछिपी का खेल क्यों? अगर कोई आदमी निर्दोष हो तो उसमें नैतिक साहस होना चाहिए और उसे सामने आना चाहिए. गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि इमोशनल वीडियो बनाने और सत्यमेव जयते बोलने से क्या होता है.
रिया चक्रवर्ती के छिपने के सवाल पर बिहार डीजीपी ने कहा कि हमारे कुछ सवाल हैं जो हम वकील से शेयर नहीं कर सकते हैं. इसमें वकील की जरूरत कहां हैं. हमारे कुछ सवाल हैं उसका जवाब रिया को देना चाहिए. छिपने की जरूरत नहीं.