उरी (जम्मू-कश्मीर) । उरी हमले का वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि कैसे आतंकियों ने खून की होली खेली।

जांच अधिकारियों के अनुसार चारों आतंकवादी लश्कर-ए-तोएबा के थे और उच्च सुरक्षा वाले सैन्य शिविर के चारों ओर लगी बाड़ को दो जगहों से काटकर अंदर घुसे थे।
बाहर से बंद कर दी थी रसोई
जांच से जुड़े सूत्रों ने कहा कि हमलावरों ने रसोई और भंडार कक्ष को बाहर से बंद कर दिया था ताकि जवान बाहर नहीं आ सकें। उसके बाद आग लगा दी। इससे संकेत मिलता है कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सेना के शिविर के नक्शे से भलीभांति वाकिफ थे।
किसी गद्दार ने ही की मदद
सूत्रों के अनुसार जांचकर्ता सैन्य शिविर में घुसपैठियों के सटीक हमले के मद्देनजर आतंकवादियों को ‘आंतरिक मदद’ की संभावना को खारिज नहीं कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार हमलावरों ने पहले दो जगहों पर बाड़ को काटा था।
उन्होंने बताया कि रसोई और भंडार कक्ष को बंद करने के बाद दो आतंकवादी सैन्य शिविर में स्थित अधिकारी आवासों की ओर बढ़ने लगे लेकिन वे और कोई बड़ा नुकसान पहुंचाते, इससे पहले ही उन्हें मार गिराया गया। मारे गए आतंकियों से दो ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सेट मिले हैं जो हमले के दौरान क्षतिग्रस्त हो गये थे। उन्हें मामले की जांच कर रही एनआईए को सौंप दिया गया है।
लश्कर से जुड़ थे आतंकी
सूत्रों ने कहा कि हमले से एक दिन पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से घुसपैठ करने वाले चारों हमलावर लश्कर से जुड़े थे क्योंकि उनका हमला उसी तरह का था जिस तरह का गत 11 सितंबर को पुंछ में पाकिस्तान के इसी आतंकवादी संगठन के आतंकियों ने किया था जो बाद में मारे गये थे।
पाकिस्तानी सामान लाए थे आतंकी
सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने हमले के कुछ घंटे बाद संवाददाताओं से कहा था कि शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक मारे गये आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद के थे।
यह भी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा था कि चारों मारे गये लोग विदेशी आतंकवादी थे और अपने साथ जो सामान लाये थे उन पर पाकिस्तान की मार्किंग थीं।
टेंट पर किया था पेट्रोल बम से हमला
सूत्रों के अनुसार उरी और पुंछ दोनों ही जगहों पर आतंकवादी छोटी प्लास्टिक बोतलें लेकर आये थे जिनमें पेट्रोलियम जेली और जिलेटिन का मिश्रण था। जवानों के तंबुओं में आग लगाने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया। कश्मीर में 27 साल में सेना पर हुए सबसे घातक हमले की जांच कर रहीं अनेक खुफिया एजेंसियों का मानना है कि हमला लश्कर-ए-तोएबा का कार्य हो सकता है।
एनआईए ने उरी में सैन्य केंद्र पर आतंकी हमले की जांच के लिए कल एक मामला दर्ज किया था। एनआईए ने जम्मू कश्मीर पुलिस से जांच संभाली। जम्मू कश्मीर पुलिस ने रविवार को एक मामला दर्ज किया था और उरी में सैन्य केंद्र पर उपलब्ध साक्ष्यों को एकत्रित करने के साथ जांच शुरू की।
घटना स्थल पर है NIA की टीम
एनआईए के महानिरीक्षक जीपी सिंह की अगुवाई में एक टीम यहां पहुंची थी और तब से डेरा डाले है। एनआईए की यह टीम चारों अज्ञात आतंकवादियों के डीएनए नमूने इकट्ठे करेगी और उनकी तस्वीरें राज्य में तथा देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न जेलों में बंद आतंकवादियों को दिखाई जाएंगी।
एनआईए टीम एक डॉजियर तैयार करेगी और चारों की पहचान का पता चलने पर पाकिस्तान से औपचारिक अनुरोध कर सकती है। सेना ने भी मामले में प्रारंभिक जांच के साथ हमले के बारे में पड़ताल शुरू की है। प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि आतंकवादी हमले से कम से कम एक दिन पहले इलाके में घुस आये थे।
see video…
https://youtu.be/n01DtTNKXao
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