दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पेंग्विन कॉलोनी नष्ट होने के कगार पर, पिछले तीन साल नहीं जन्मे बच्चे…

अंटार्कटिक के हैली बे क्षेत्र में स्थित पेंग्विन की दूसरी सबसे बड़ी कॉलोनी में पिछले तीन सालों में इस अनोखे जीव के नहीं के बराबर बच्चे जन्मे हैं। इस क्षेत्र में अपेक्षाकृत लंबे और वजनी इमपेरर पेंग्विन की प्रजाति प्रवास करती है। वर्ष 2016 में यहां पेंग्विन के करीब दस हजार बच्चों की मौत भी हो गई थी। एक शोध का दावा है कि इसके अगले साल इन पक्षियों का प्रजनन शून्य रहा।

ब्रिटिश अंटार्कटिका सर्वे (बीएएस) ने सेटेलाइट इमेज के अध्ययन के बाद कहा कि 2018 में महज कुछ सौ पेंग्विन ही प्रजनन के लिए इस क्षेत्र में पहुंचे थे। जबकि पहले यहां 14 हजार से 25 हजार तक पेंग्विन के जोड़े दिख जाते थे। बीएएस के शोधकर्ता फिल ट्राथन ने कहा, ‘इमपेरर पेंग्विन के लिए दुनिया की सबसे सुरक्षित मानी जानी वाली हैली बे कॉलोनी का इस तरह खत्म होना चिंतनीय है। हम इस कॉलोनी को जितनी सुरक्षित मान रहे थे शायद यह उतनी सुरक्षित नहीं है।

क्यों सिकुड़ रही पेंग्विन की कॉलोनी-  हैली बे में पेंग्विन अप्रैल से दिसंबर तक प्रवास करते हैं। तब तक उनके बच्चों के पंख विकसित हो जाते हैं। वह अपने बच्चों को बर्फ में पालते हैं। लेकिन सितंबर, 2015 में अल निनो के कारण बड़ी मात्रा में समुद्र में जमी बर्फ टूट गई या पिघल गई। उस वक्त पेंग्विन के बच्चे बहुत छोटे थे। कुछ तो अंडों से बाहर भी नहीं आए थे। बर्फ टूटने के कारण उस साल पेंग्विन के 14 हजार से 25 हजार तक बच्चे व अंडे नष्ट हो गए।

दूसरी कॉलोनी में ली शरण-  बीएएस के शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछले कुछ सालों में डॉसन लेंबटन में पेंग्विन कॉलोनी का आकार दस गुना बढ़ा है। उनका अनुमान है कि हैली बे में प्रजनन की समस्या से जूझने के बाद इन पक्षियों ने यहां शरण ली। न्यूयॉर्क स्थित स्टोनी ब्रूक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हीथर लींच ने पेंग्विन के इस स्थान परिवर्तन को सकारात्मक बताया। उनका कहना है कि अन्य जीव भी इसी तरह खुद को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के प्रति ढाल लेंगे।

विलुप्ति का नहीं है खतरा-  हैली बे में इमपेरर पेंग्विन की केवल आठ फीसद आबादी ही प्रवास करती है। उस कॉलोनी का नष्ट होना चिंतनीय है, लेकिन इससे इन पक्षियों के विलुप्त होने का खतरा नहीं है। अभी करीब 1.3 लाख से 2.5 लाख इमपेरर पेंग्विन के जोड़े दुनियाभर की 54 कॉलोनी में प्रवास करते हैं।

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