बहरीन के प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल-खलीफा का बुधवार को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। सलमान अल-खलीफा दुनिया में अब तक के सबसे लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री के रूप में याद किए जाएंगे। उन्होंने 1971 में बहरीन की स्वतंत्रता के बाद से देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला हुआ था। यानी वह करीब 49 साल पीएम रहे।
बहरीन की सरकारी समाचार एजेंसी ने उनके निधन की घोषणा की और कहा कि अमेरिका के मेयो क्लिनिक में खलीफा का इलाज चल रहा था। बहरीन न्यूज एजेंसी (बीएनए) ने कहा, ‘रॉयल कोर्ट ने अपने रॉयल हाईनेस के प्रति शोक व्यक्त किया, जिनका आज सुबह अमेरिका के मेयो क्लिनिक में निधन हो गया है।’ साथ ही न्यूज एजेंसी ने कहा कि देश में एक सप्ताह के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
उन्हें दफनाने की रस्म अमेरिका से शव स्वदेश लाने के बाद होगी। कोरोना प्रतिबंधों के अनुरूप इस रस्म में शामिल होने वाले रिश्तेदारों की संख्या को सीमित रखा जाएगा। राजकीय शोक सप्ताह के दौरान झंडे को आधे मस्तूल पर फहराया जाएगा। वहीं, सरकारी मंत्रालयों और विभागों को तीन दिनों तक बंद रखा जाएगा।
प्रिंस खलीफा की ताकत और संपत्ति की झलक इस छोटे से देश में चारों ओर दिखाई पड़ती है। देश के शासक के साथ उनका चित्र कई दशकों तक सरकारी दीवारों की शोभा बढ़ाता रहा। खलीफा का अपना एक निजी द्वीप था जहां वह विदेशी आगंतुकों से मुलाकात करते थे।
प्रिंस खलीफा, खाड़ी देशों में नेतृत्व करने की पुरानी परंपरा का प्रतिनिधित्व करते थे, जिसमें सुन्नी अल खलीफा परिवार के प्रति समर्थन जताने वालों को पुरस्कृत किया जाता था। हालांकि उनके तौर तरीकों को 2011 के विरोध प्रदर्शन के दौरान चुनौती मिली थी।
साल 2011 की अरब क्रांति के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें हटाने की मांग भी उठी थी।