अपने समय की स्टार अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि को लेकर फिल्म ‘औरत तेरी यही कहानी’ से फिल्म निर्देशन की शुरुआत करने वाले निर्माता निर्देशक मोहनजी प्रसाद का निधन हो गया है। करीब 90 वर्ष के मोहनजी प्रसाद लंबे समय से कोलकाता में ही रह रहे थे और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। मोहनजी प्रसाद ने भोजपुरी फिल्मों में भी कामयाबी के नए कीर्तिमान गढ़े। उनकी फिल्म ‘पंडितजी बताई ना बियाह कब होई’ भोजपुरी की चर्चित फिल्मों में गिनी जाती है।
फिल्म ‘बड़े घर की बेटी’ से साल 1989 में अपने लेखन करियर की शुरूआत करने वाले मोहनजी प्रसाद का निधन मंगलवार को हुआ। भोजपुरी फिल्मों में मोहनजी प्रसाद का नाम बतौर निर्देशक काफी चर्चा में रहा है और लोग उनका काफी सम्मान भी करते रहे हैं। उनकी बनाई भोजपुरी फिल्मों में ‘गंगा जइसन माई हमार’, ‘रसिक बलमा’, ‘राम बलराम’, ‘हमार सैंया हिंदुस्तानी’ और ‘माई बाप’ प्रमुख हैं।
मोहनजी प्रसाद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और वितरक सुनील बूबना ने कहा कि मोहनजी प्रसाद का नाम भोजपुरी सिनेमा में संवेदनशील पारिवारिक फिल्में बनाने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनका योगदान अतुलनीय है और उनके जाने से भोजपुरी सिनेमा ने अपना एक सार्थक साथी खो दिया।
भोजपुरी सिनेमा से जुड़े लोग बताते हैं कि संघर्षशील कलाकार जब मोहनजी प्रसाद के बंगले पर काम मांगने जाते थे और उनसे मुलाकात होने में समय लगता था तो वे जोर जोर से यही गाना गाने लगते थे कि ‘पंडितजी बताई ना बियाह कब होई।’
मोहनजी प्रसाद ने हिंदी सिनेमा में भी अरसे तक पारिवारिक फिल्में बनाईं। उनकी बनाई फिल्मों में मीनाक्षी शेषाद्रि के अलावा ऋषि कपूर, राजेश खन्ना और करिश्मा कपूर जैसे सितारों ने उनकी फिल्मों में काम किया है। मोहनजी प्रसाद ने कभी कामयाबी के लिए भोजपुरी में चर्चित टोटकों का इस्तेमाल नहीं किया और जब भोजपुरी में अश्लीलता और द्विअर्थी संवादों व गानों का बोलबाला होने लगा तो वह फिल्म निर्देशन व निर्माण से अलग हो गए।