मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इंदौर में पहली बार कोरोना का मामला 24 मार्च को सामने आया था और तब से लेकर अब तक शहर में 531 लोगों की मौत हो चुकी है। 531 मरीजों में सबसे ज्यादा आयु के 99 वर्षीय भागीरथ चौहान और सबसे कम उम्र की 16 वर्षीय श्वेता शामिल हैं।

जिले की डेथ ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, कुल 531 मृतकों में 171 यानि की 32 फीसदी मरीज ऐसे मिले जिन्होंने अस्पताल में भर्ती होने के एक से तीन दिन के बाद ही अपना दम तोड़ दिया। इसके अलावा इन मृतकों की संख्या में से नौ मरीज ऐसे हैं, जो अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी 24 घंटे से ज्यादा नहीं जी पाए।
वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के मुताबिक वैसे तो कोरोना के लिए 14 दिन का उपचार उपयुक्त माना जाता है लेकिन 44 मामले ऐसे हैं, जिन्होंने इस अवधि को पूरा करने के बाद अपनी स्थिति में कोई सुधार नहीं देखा और अपनी जान नहीं बचा सके। कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग प्रभारी डॉ अनिल डोंगरे का कहना है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कोरोना पीड़ित मरीज समय से अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं और रोग को लेकर गंभीर नहीं है। अगर कोरोना के लक्षण देखे जाए फौरन से पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर मरीज को समय पर उपचार मिल जाएगा तो उसकी जान बचाने की संभावनाएं कई गुना तक बढ़ सकती हैं।
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