आज बाढ़ की मार से बुरी तरह प्रभावित, गाद और अन्य कचरे में दबे ऐतिहासिक नगर रमदास के सब-तहसील केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सिविल अस्पताल) को फिर से सरकारी सेवाएं देने के लिए खड़ा करने हेतु हल्का विधायक और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने स्वयं इन सरकारी संस्थानों से गाद निकाल कर सफाई की और कस्बा रमदास में मच्छर मार दवा की फॉगिंग करवाई। रमदास के शहरी निवासियों और आसपास के प्रभावित गांवों के बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनते हुए धालीवाल ने स्पष्ट किया कि अजनाला तहसील सहित जिला गुरदासपुर के गांवों, शहरों और कस्बों को रावी नदी की बाढ़ की मार झेलनी पड़ी है।
बाढ़ के कारणों की जांच करवाने और स्थिति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने उचित कदम उठाए हैं। रावी नदी में प्राकृतिक आपदा से इतर, बाढ़ की जांच के प्रारंभिक चरण में पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए माधोपुर हैडवक्र्स से रावी नदी में पानी छोड़ते समय गेट टूटने के कथित आरोप में जिम्मेदार ठहराए जा रहे एक्सईएन नितिन सूद, एस.डी.ओ. अरुण कुमार और जेई सचिन कुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
लेकिन बी.बी.एम.बी. और केंद्र सरकार का नियंत्रण होने के कारण, सीधे और परोक्ष रूप से जिम्मेदार ठहराए जा रहे अधिकारियों के खिलाफ न तो कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है और न ही इसका प्रबंधन पंजाब सरकार को सौंपा जा रहा है, जो कि सीधी तानाशाही है।
उन्होंने यह भी कहा कि 76 फीसदी से अधिक नुकसान वाली फसलों के मुआवजे के लिए 7 दिनों में गिरदावरी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अगले 7 दिनों में 76 प्रतिशत से कम नुकसान वाली फसलों की गिरदावरी पूरी होने के बाद, संबंधित अधिकारियों द्वारा रिपोर्टों पर मुहर लगने की स्थिति में दिवाली से पहले प्रभावित किसानों को फसलों, मकानों और पशुओं आदि के नुकसान का मुआवजा चैकों के रूप में दिया जाएगा।