दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हिंसा और अराजकता की घटनाओं का बड़ा असर दिल्ली पुलिस पर पड़ा है. जिसके चलते पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने 8 अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं. इन अधिकारियों में डीसीपी (पुलिस मुख्यालय) चिन्मय बिस्वाल का नाम भी शामिल है, जिन्हें क्राइम ब्रांच में महत्वपूर्ण पद दिया गया है. 2008 बैच के आईपीएस अधिकारी बिस्वाल अब डीसीपी क्राइम होंगे.
मंगलवार को दिल्ली पुलिस की ओर से आठ अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश जारी किया गया. जिनमें बिस्वला के अलावा अन्य सात अधिकारी शामिल हैं. पश्चिम जिला के पुलिस उपायुक्त दीपक पुरोहित को पदोन्नति मिली है. उन्हें अब एडिशनल सीपी के रूप में पुलिस मुख्यालय भेजा गया है. उनके स्थान पर उर्विजा गोयल अब डीसीपी वेस्ट दिल्ली होंगी.
बाहरी उत्तरी जिले के इलाके में सिंघु बॉर्डर की निगरानी करने वाले डीसीपी गौरव शर्मा को डीसीपी (सुरक्षा) के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है. अब अरुणाचल प्रदेश से आए राजीव रंजन सिंह को उनके स्थान पर डीसीपी आउटर उत्तरी जिला बनाया गया है. अरुणाचल प्रदेश से ही आई ईशा पांडे अब डीसीपी (पीसीआर) होंगी.
12 मार्च 2020 को आईपीएस अधिकारी चिन्मय बिस्वाल को पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) के रूप में तैनात किया गया था. इससे पहले वो डीसीपी (दक्षिण-पूर्व) के रूप में तैनात थे. लेकिन जामिया और शाहीन बाग के पास तीन गोलीबारी की घटनाओं और हिंसा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने उन्हें इस पद से हटा दिया था.
आईपीएस चिन्मय बिस्वाल को चुनाव आयोग ने उस वक्त हटाया था, जब दक्षिण पूर्व इलाके में एक अपराधी ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले समूह पर पिस्तौल से गोली चला दी थी. इस हमले में जामिया मिलिया इस्लामिया का एक छात्र भी घायल हो गया था. जबकि गोली चलाने से पहले उसने सिर के ऊपर बन्दूक लहराते हुए चिल्लाकर कहा था ‘ये लो अज़ादी.’
आरोपी बदमाश ने खुद को रामभक्त गोपाल बताया था. बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था. उससे पूछताछ भी की गई थी. बंदूकधारी हमलावर ने जामिया इलाके में प्रदर्शनकारियों पर फायर करने से पहले फेसबुक लाइव भी किया था.
ओडिशा में जन्मे दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल को दो फायरिंग की घटनाओं और जामिया – शाहीन बाग में हिंसा के बाद हटाया गया था. लेकिन अब उन्हें डीसीपी (क्राइम) दिल्ली के रूप में तैनाती मिली है. जिसे काफी अहम माना जाता है.